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________________ ( ११२ ) आधार पर स्व. पं. नाथूरामजी प्रेमी द्वारा लिखित नवीन हिन्दी टीका सहित । श्रावक-मुनि-धर्मका चित्तस्पर्शी अदभुत वर्णन । (८) अध्यात्म राजचन्द्र : श्रीमद् राजचन्द्रके अद्भुत जीवन तथा साहित्यका शोध एवं अनुभवपूर्ण विवेचन डा. भगवानदास मनसुखभाई महेताने गुर्जरभाषामें किया है। मूल्य-सात रुपये। (९) पंचास्तिकाय : श्रीमद्भगवत्कुन्दकुन्दाचार्यविरचित अनुपम ग्रन्थराज। घा अमृतचन्द्रसूरिकृत 'समयव्याख्या' एवं प्राचार्य जयसेनकृत 'तात्पर्यवृत्ति'-नामक संस्कृत टोकामोंसे अलंकृत और पांडे हेमराजजी-रचित बालावबोधिनी भाषा-टीकाके आधार पर पं. पन्नालालली बाकलीवाल कृत प्रचलित हिन्दी अनुवाद सहित । मूल्य-सात रुपये। (१०) प्रष्टाप्रामृत : श्रीमत्कुन्दकुन्दाचार्य विरचित मूल गाथानों पर श्रीरावजीभाई देसाई द्वारा गुजराती गद्यपद्यात्मक भाषांतर । मोक्षमार्गकी अनुपम भेट । मूल्य-दो रुपये मात्र (११) भावनाबोध-मोक्षमाला : श्रीमद् राजचन्द्रकृत । वैराग्यभावना सहित जैनधर्मका यथार्थ स्वरूप दिखाने वाले १०८ सुन्दर पाठ हैं। मूल्य-दो रुपये पचास पैसे। (१२) स्याद्वाद मजरी: श्रीमल्लिषेणसूरिकृत मूल और श्रीजगदाशचन्द्रजी शास्त्री एम. ए., पी. एच. डी. कृत हिन्दीअनुवाद सहित । न्यायका अपूर्व ग्रन्थ है। बड़ी खोजसे लिखे गये १६ परिशिष्ट हैं। मूल्य-दस रुपये। (१३) गोम्मटसार-कर्मकाण्ड : श्रीनेमिचन्द्रसिद्धान्त चक्रवर्तिकृत मल गाथाए, स्व. पं. मनोहरलाल जी शास्त्रीकृत संस्कृतछाया और हिन्दीटीका । जैनसिद्धान्त-ग्रन्थ है। मूल्य-सात रुपये। (१३) इष्टोपदेश : श्रीपूज्यपाद. देवनन्दिप्राचार्यकृत मूल श्लोक, पंडितप्रवर पाशाधरकृत संस्कृतटीका, पं. धन्यकुमारजी जैनदर्शनाचार्य एम. ए. कृत हिन्टीटीका, स्व. बैरिस्ट र चम्पतरायजीकृत अंग्रेजीटीका तथा विभिन्न विद्वानों द्वारा रचित हिन्दी, मराठी, गुजराती एवं प्रग्रेजी पद्यानुवादों सहित भाववाही आध्यात्मिक रचना। मूल्य-दो रुपये पचास पैसे । (१५) समयसार : प्राचार्य श्रीकुन्दकुन्दस्वामी-विरचित महान अध्यात्मग्रन्थ, तीन टीकाओं सहित नयी आवृत्ति । मूल्य-सोलह रुपये।
SR No.022412
Book TitlePurusharth Siddhyupay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherShrimad Rajchandra Ashram
Publication Year1977
Total Pages140
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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