SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अशुद्धम् प्रद्युम्रसूरयो पुर्वाचार्यवत् कुमुन्द्रचन्द्र मपि श्री हेमचन्द्रचार्य 'श्रीचन्द्राच उणादि शुद्धम् पूर्ण (पुद्रल) प्रामाणान्तरमुपासीत शद्वात् संशद्वनम् ब्राह्मविष्णु (? स्वभावव भावसि सम्भागे नाना परिणामा नाना परिणामा शुद्धिपत्रकम् । ..... शुद्धम् प्रद्युम्नसूरयो पूर्वाचार्यवत् कुमुदचन्द्र मी श्री हेमचन्द्राचार्य श्रीहेमचन्द्राचार्य इदन्तया प्रतिभासो वेति इदन्तया प्रतिभासो वेति हृदि हृदि साहायक विरहात् सहायक विरहात् उणादि शुद्धमपूर्ण (पुद्गल ) प्रमाणान्तरमुपासीत सम्यगर्थनिर्णय शब्दात् संशब्दनम् ब्रह्मविष्णु स्वभावाव भासि सम्भोग नानापरिणामा नानापरिणामा पृष्ठे पङ्क्तौ ५ "" ६ "" 60 ሪ 2 x w 2 av १४ १६ १७ ११ "" १८ १९ २१ २२ "" 54 " 35 " २३ १७ २६ १.८ २.६ m x ~ ov -३ २४ २६ ११ १४ ८ ११ २१ २० २२ १५ SM ma ८ १६ १०
SR No.022391
Book TitlePraman Mimansa
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorMotilal Laghaji
PublisherMotilal Laghaji
Publication Year
Total Pages136
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy