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• 'द्रव्य-ए-पायनो २॥स' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायाम विदा पार्थोना याही . 153 शुद्ध नयस्थिति २५२८ (१४) पात्रशुद्धि
२४४१ शुद्ध निश्चयनय देखिए नय (आध्यात्मिक) । (१५) भावशुद्धि
३०,४८,१३९८, (१) निश्चयनय |
२४४१,२४९१ शुद्धनिश्चयमत देखिए नयमत
(१६) भाषाशुद्धि
२४४१ शुद्ध परिणति २५७६ (१७) भूमिशुद्धि
२४४१ शुद्ध पर्याय देखिए पर्याय (प्रकीर्णक) (१८) लेश्याशुद्धि
२३७६,२४४१ शुद्ध भाव देखिए भाव
(१९) व्यवहारशुद्धि
२४४१ शुद्ध लक्षणा देखिए लक्षणा (सामान्यतः)
(२०) शकुनशुद्धि
२४४१ शुद्ध व्यवहार देखिए व्यवहार (देवचंद्रजीसम्मत) (२१) सत्त्वशुद्धि
२४४१ शुद्ध व्यवहारनय देखिए नय (नवविध) ।
(२२) साधनशुद्धि
२४४१ व्यवहारनय (देवचन्द्रजी) (२३) साध्यशुद्धि
२४४१ शुद्ध सद्भूत व्यवहार देखिए उपनय
(२४) स्वरूपशुद्धि
२४४१
२४४१ (२५) हेतुशुद्धि
(१) सद्भूत व्यवहार शुद्ध सामायिक देखिए सामायिक
|शुभउपयोग देखिए उपयोग (चैतन्य) शुद्ध स्वभाव देखिए स्वभाव
शुभचन्द्रमत समीक्षा देखिए समीक्षा (१) विशेष स्वभाव | शुभ व्यवहार देखिए व्यवहार (देवचंद्रजीसम्मत)
शुश्रूषा शुद्धा लक्षणा देखिए वृत्ति (वैयाकरणसम्मत)
देखिए गुण (अष्टक) शून्यताप्रसंग देखिए (१) लक्षणा
दोष (दूषण) शून्यवाद
देखिए वाद
शौरसेनी भाषा देखिए भाषा (१) अनुबंधशुद्धि
२४४१ श्रद्धा
११०८-१११० (२) आलम्बनशुद्धि
श्रद्धा-श्रद्धेयभाव संबंध देखिए संबंध (३) उद्देश्यशुद्धि
२४४१ श्रवण
देखिए गुण (अष्टक) (४) उपयोगशुद्धि
२४४१ श्रावक
२३३९-२३४२ (५) ऐदम्पर्यशुद्धि
देखिए केवली (६) कालशुद्धि
२४४१ श्रुतज्ञान
देखिए ज्ञान (७) क्रियाशुद्धि (बाह्यआचारशुद्धि) २४४१,२४९१
(+उपयोग+बोध) (८) देशशुद्धि
२४४१ श्रुत पर्याय
देखिए पर्याय (प्रकीर्णक) (९) द्रव्यशुद्धि
२४४१
श्रुतमयज्ञान (पारिभाषिक) देखिए ज्ञान (१०) धनशुद्धि २४४१
(+उपयोग+बोध) (११) नयशुद्धि (१२) नाडीशुद्धि
२४४१ (१) क्षपकश्रेणि
२४७३,२५७९ (१३) परिणामशुद्धि २४४१,२५२६| (२) गुणश्रेणि
२५७९
शुद्धि
२४४१
२४४१
श्रुतकेवली
२४४१ | श्रेणि