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________________ २५७६ 114 • 'द्रव्य-गु-पर्यायनो २।स' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायाम विदा पार्थोनी याही . चारित्र पर्याय देखिए पर्याय (प्रकीर्णक) | जघन्य गीतार्थ देखिए गीतार्थ चारित्रभेद देखिए भेद (प्रकार) जघन्य परोपकार देखिए परोपकार चारित्रभ्रष्टता देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) जनमनोरंजन देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) चारित्र लक्षण देखिए लक्षण | जहत्स्वार्था शुद्धा लक्षणा देखिए वृत्ति चारित्रशब्दार्थ ___(वैयाकरणसम्मत) (१) लक्षणा चारित्रात्मा देखिए आत्मा | जहद्लक्षणा देखिए लक्षणा (सामान्यतः) चिंतामय ज्ञान देखिए ज्ञान (+ उपयोग + बोध) | जातिउत्तर सामान्य संग्रह देखिए नय (नवविध) चित्रज्ञान (चित्रसंविद्) देखिए ज्ञान संग्रहनय (देवचन्द्रजी) (A) सामान्यसंग्रहनय (+ उपयोग + बोध) (२) उत्तरसामान्यसंग्रहनय चित्त | जातिसापेक्ष एकत्व देखिए एकत्व (१) एकाग्र चित्त २४११, २४२१ | जात्यंतर ३९६-३९८,१६३९, (२) क्षिप्त चित्त २४०० १७८५-१७८६ (३) चल चित्त २४०६ | जिज्ञासा देखिए गुण (अष्टक) (४) निरुद्ध चित्त २४७१ जिनशासन प्रभावना देखिए प्रभावना (५) मूढ चित्त २४०० जीवदया देखिए दया (६) यातायात चित्त २४०७ | जीवपरिणाम देखिए परिणाम (७) विक्षिप्त चित्त २४०६ | जीवपरिणामभेद देखिए भेद (प्रकार) (८) शुक्ल चित्त (अंतःकरण) २५८० | जीवपर्याय देखिए पर्याय (भगवतीसूत्र) (९) श्लिष्ट चित्त २४११ जीव प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना (१०) सानंद चित्त २४०६, २४११ | जीवभेद देखिए भेद (प्रकार) (११) सुलीन चित्त २४६९ / जीवाजीव प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना चित्सुखाचार्यमत समीक्षा देखिए समीक्षा |जीवास्तिकाय देखिए द्रव्य (षटक) चूलिका पैशाची भाषा देखिए भाषा | जुगुप्सा देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) चेतनता देखिए गुण प्रकार (२) सामान्य गुण | ज्ञपरिज्ञा देखिए परिज्ञा चेतन स्वभाव देखिए स्वभाव (१) विशेष स्वभाव ज्ञान (+ देखिए उपयोग+बोध) चेतना (चैतन्य) (श्वेताम्बरसम्मत) (१) अवधिज्ञान ८२५,१६०९,१९४५, (१) अनुभवन चेतना १६३७ २१३८,२२१४,२२१६,२२२४-२७ (२) संविज्ञान चेतना १६३७ (I) लोकावधि ज्ञान १६०९ चैतन्य देखिए उपयोग (+ गुण प्रकार) (२) असंमोह ज्ञान २४५७ (१) विशेष गुण (३) आक्षेपक ज्ञान २४४३ चैतन्यसाधक प्रमाण देखिए प्रमाण (साधक) (४) आत्मपरिणतिमत् ज्ञान २४५८,२५४४ छिद्रमति देखिए दोष (रत्नत्रयसंबंधी) (५) आत्माज्ञान (साक्षात्कार)
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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