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________________ १ व-तत्व १२ (૭) પંદર યોગ પરત્વે અલ્પબદુત્વ ભગ0 શ૦ ૨૫, ઉ૦ ૧ यो। १५ सत्य मान-असत्या मिश्र | व्यव- | सत्य | असत्य मिश्र व्यव- | सौहा- मौहा- | यि- वय माही- | 328 | आभए । मन- मन- |हारमनवयन-वयन-वयन- २ |R४ | २- | ११ | मिश्र રક | મિશ્ર ૧૪ ૧૫ યોગ ૧ |યોગ ર યોગ ૩] યોગ ૪] યોગ | યોગ | યોગ છવચન ૮ ૯ મિશ્ર ૧૦ धन्य | १२ असं. १२ १२ | १० | १२ | १२ | १२ १२ ४ । २ ७असं. १स्तो योग गु॥ तुल्य तुल्य | असं. | तुल्य तुल्य | तुल्य तुल्य | सं. | मसं. | असं. | असं.. असं... ગુણા ગુણા उत्कृष्ट | १४ |१४ | १४ | १४ | १४ | १४ | १४ १४ | १४ |८ | १४ |८ सं१3 ८ असं. असं. યોગ | તુલ્ય તુલ્ય | તુલ્ય | | तुल्य |तुल्य तुल्य | तुल्य तुल्य तुल्य | असं. |तुल्य | तुल्य असं. | गु॥ गुए। ૧૧ 1. ५२मा पान। ७५२न। माम॥ यंत्र संबंधी सूत्र नीये भु४५ छ : "सव्वत्थोवा सुहुमनिओयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा १, सुहुमवाउक्काइयस्स अपज्जत्तगस्स जह० ओगा० असंखेज्जगुणा २, सुहुमतेऊअपज्जत्तस्स जह० ओगा० असं० ३, सुहुमआऊअपज्ज० जह ओगा० असं० ४, सुहुमपुढविअपज्जत्त० जह० ओगा० असं० ५, बादरवाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जह० ओगा० असं० ६, बादरतेऊअपज्जत्तजहन्निया ओगा० असं० ७, बाजरआउअपज्जत्तजहन्निया ओगा० असं० ८, बादरपुढवीकाइयअपज्जत्तजहन्निया ओगा० असं० ९, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयस्स बादरनिओयस्स एएसि णं पज्जत्तगाणं एएसि णं अपज्जत्तगाणं जह० ओगा० दोण्ह वि तुल्ला असं० १०-११, सुहुमनिगोयस्स पज्जत्तगस्स जह० ओगा० असं० १२, तस्सेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगा० विसेसा १३, तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्को० ओगा० वि० १४, सुहुमवाउकाइयस्स पज्जत्तग० जह० ओगा० असं० १५, तस्स चेव अपज्जत्त० उक्को० ओगा० वि० १६, तस्स चेव पज्जत्त० उक्को० वि० १७, एवं सुहुमतेउक्काइयस्स वि० १८।१९।२०, एवं सुहुमआउक्काइयस्स वि० २१।२२।२३, एवं सुहमपुढविकाइयस्स विसेसा २४।२५।२६, एवं बादरवाउकाइयस्स वि० २७।२८।२९, एवं बादरतेऊकाइयस्स वि० ३०।३१।३२, एवं बादरआउकाइयस्स वि० ३३।३४।३५, एवं बादरपुढविकाइयस्स वि० ३६।३७।३८, सव्वेसिं तिविहेणं गमेणं भाणियव्वं, बादरनिगोयस्स पज्जत्तगस्स जह० ओगा० असं ३९, तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्को० ओगा० विसेसाहिया ४०, तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्को० ओगा० विसेसाहिया ४१, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयस्स पज्जत्तगस्स जह० ओगा० असं० ४२, तस्स चेव अपज्जत्त० उक्को० ओगा० असं० ४३, तस्स चेव पज्जत्त उक्को० ओगा० असं० ४४" । (सू० ६५१) C
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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