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________________ ४३० नवतत्त्वसंग्रहः दर्शनावरण ४, निद्रा १, प्रचला १, मिथ्यात्व १, कषाय १६, हास्य आदि ६, नपुंसकवेद १, मनुष्यत्रिक ३, नीच गोत्र १, औदारिकद्विक २, वेदनीय २, हुंडक १, छेवट्ठा १, पंचेंद्री १, तैजस १, कार्मण १, वर्णचतुष्क ४, अपर्याप्त १, अथिर १, अशुभ १, दुर्भग १, अनादेय १, अयश १, त्रस १, बादर १, प्रत्येक १, थिर १ शुभ १, अगुरुलघु १, उपघात १, निर्माण १, अंतराय ५ एवं ७१ है. अथ सामान्य देव रचना गुणस्थान ४ आदिके उदयप्रकृति ८०. ज्ञानावरण ५, दर्शनावरण ४, निद्रा १, प्रचला १, वेदनीय - २, मोहनीय २७, नपुंसक विना वेद २, देव - आयु १, देवद्विक २, वैक्रियकद्विक २, पंचेंद्री १, तैजस १, कार्मण १, समचतुरस्त्र १, प्रशस्त गति १, वर्णचतुष्क ४, अगुरुलघु १, उपघात १, पराघात १, उच्छ्वास १, उद्योत १, निर्माण १, अथिर १, अशुभ १, त्रसदशक १०, उंच गोत्र १, अंतराय ५ एवं ८० अस्ति, शेष ४२ नास्ति. १ मि ७८ २ सा ७७ ३ मि ७३ ४ अ ७४ अथ सौधर्म आदि नव ग्रैवेयक पर्यंत रचना गुणस्थान ४ आदिके उदयप्रकृति ७९ अस्ति, स्त्रीवेद विना पूर्वोक्त, एवं भवनपति आदि ३. १ मि ७७ २ सा ७६ मि ७२ अ ७३ अनुत्तर ५ रचना गुणस्थान १ - चौथा, उदयप्रकृति ७३ है. पूर्वोक्त सामान्य देव रचनावाली ८०, तिण मध्ये मिथ्यात्व १, मिश्रमोहनीय १, अनंतानुबंधी ४, स्त्रीवेद १ एवं ७ नास्ति. ४ अ ७३ अथ एकेंद्री रचना गुणस्थान २ आदिके उदयप्रकृति ८०. ज्ञाना० ५, दर्शना० ९, वेदनीय २, मोहनीय २४ मिश्रमोह० १, सम्यक्त्वमोह० १, पुंम १, स्त्रीवेद विना, तिर्यंच - आयु १, तिर्यंचद्विक २, औदारिक शरीर १, हुंड १, तैजस १, कार्मण १, वर्णचतुष्क ४, अपर्याप्त १, अथिर १, अशुभ १, दुर्भग १, अनादेय १, अयश १, बादर १, प्रत्येक १, थिर ९, शुभ १, अगुरुलघु १, उपघात १, निर्माण १, थावर १, एकेंद्री १, पराघात १, उच्छ्वास १, आतप १, ३ ४ मिश्रमोहनीय १, सम्यक्त्वमोहनीय १ उतारे. मिथ्यात्व १ विच्छित्ति अनंतानुबंध ४ विच्छित्ति देवानुपूर्वी १ उतारी. मिश्रमोहनीय १ मिले. मिश्रमोहनीय १ विच्छित्ति आनुपूर्वी देवस्य १, सम्यक्त्वमोहनीय १ मिले. मिश्रमोहनीय १, सम्यक्त्वमोहनीय १ उतारे. मिथ्यात्व १ विच्छित्ति अनंतानुबंध ४ विच्छित्ति देवानुपूर्वी १ उतारी. मिश्र मोहनीय १ मिले. मिश्रमोहनीय १ विच्छित्ति देवानुपूर्वी १, सम्यक्त्वमोहनीय १ एवं २ मिले. ००००
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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