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________________ २५० ૨૫૧ २५० ૨૫૧ २५० ૨૫૧ ૨૫૩ २५६ २५६ २५८ ૨૫૭ ૨૫૭ ૨૫૯ ૨૫૯ २५८ २६० २६० ૨૬૧ ૨૬૧ २६० ૨૬૧ ૨૬૩ २६२ २६२ २६२ ૨૬૩ ૨૬૩ (१०३) भगवती शते १२ मे, उद्देशक १० मे पुद्गलभंग (कोष्टक-९०) (१०४) भगवती शते ८ उद्देशे १०मे पुद्गलके भंग (कोष्टक-९१) (१०५) भगवती शतक ५ मे उद्देशे ७ स्पर्शनायन्त्रम् (कोष्टक-९२) (१०६) श्रीभगवतीके (श. २५, उ.३) मे ५ । संस्थानस्वरूप तथा देशयंत्रस्थापना (कोष्टक-९३) . (१०७) भगवती श० २५, उ० ४ (सू० ७४०) परमाणु द्विप्रदेशादि १३ बोलाकी अल्पबहुत्वयंत्रम् (कोष्टक-९४) (१०८) (कोष्टक-९५) (१०९) भगवती शतक २५, उ०४ सू०७४१ (कोष्टक-९६) (११०) परमाणु आदि अनंतप्रदेशी स्कंध चल अचल स्थिति भगवती (श० २५, उ० ४, सू०७४४)(कोष्टक-९७) (१११) अंतरयंत्रं भग० सू०७४४ (कोष्टक-९८) (११२) कालमान स्थितमान यंत्रम् भग० श० २५, उ० ४ (सू०७४४)(कोष्टक-९९) (११३) अंतर मानका यंत्र (भग० सू०७४४)(कोष्टक-१००) (११४) भगवती (श० २५, उ० ४, सू० ७४४, पृ.८८५)(कोष्टक-१०१) (११५) परमाणुपुद्गल सैज निरेज (अल्पबहुत्व) भग० श० २५, उ० ४ (सू०७४४)(कोष्टक-१०२) (११६) अल्पबहुत्व (कोष्टक-१०३) (११७) परमाणु संख्येय प्रदेश असंख्येय प्रदेश अनंत प्रदेशी से( सि )या चल निरेया अचल अल्पबहुत्व (कोष्टक-१०४) (११८) भगवती (श. २५, उ. ४)(कोष्टक-१०५) (११९) (कोष्टक-१०६) (१२०) द्रव्य ६, गुण चार २ एकेकना नित्य है (कोष्टक-१०७) (१२१) पर्याय षट् द्रव्यना चार चार (कोष्टक-१०८) (१२२) पुद्गलयंत्रं भगवती (श० २०, उ० ४) (कोष्टक-१०९) (१२३) भगवती शते ८ उद्देशे १ मे पुद्गलयंत्र (कोष्टक-११०) (१२४) (३) 'पुण्य' तत्त्व लिख्यते । (१२५) (चक्री आदि संबंधी माहिती)(कोष्टक-१११) (१२६) (४) अथ 'पाप' तत्त्व लिख्यते (१२७) (५) अथ 'आश्रव' तत्त्व लिख्यते (१२८) (६) अथ 'संवर' तत्त्व स्वरूप लिख्यते (१२९) अथ ३६ द्वार यंत्रमे वर्णन करीये है (कोष्टक-११२) (१३०) अथ श्रीभगवती (श. २५, उ. ७) थी संयत ५ यंत्रम् (कोष्टक-११३) (१३१) भगवती (श. ७, उ. २, सू. २७३) अल्पबहुत्व (कोष्टक-११४) (१३२) स्थानांगस्थाने दशमे दशविध यतिधर्म (कोष्टक-११५) (१३३) भगवती (श.८, उ. ८) परीषह २२ यंत्रकम् (कोष्टक-११६) (१३४) उत्तराध्ययनके २४ मे अध्ययनात् पांच समिति, तीन गुप्ति स्वरूप (१३५) (कोष्टक-११७) २६४ २६४ २६६ २६८ २६८ २७० २७० २७२ २७४ २७८ २७८ २८० ૨૬૫ ૨૬૫ ૨૬૭ ૨૬૯ ૨૬૯ ૨૭૧ ૨૭૧ ૨૭૩ ૨૭૫ ૨૭૯ ૨૭૯ ૨૮૧ ૨૮૫ ૨૯૩ ૩૦૧ 303 उ०७ ३०७ उ०८ २८४ २९२ ३०० ३०२ ३०२ ३०६ ३०८
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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