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________________ २०४ नवतत्त्वसंग्रहः । ० c0m ocm | Islom अंकसंख्या । १ । २ । ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १० ११ । बंध | ९ | ९ | ६ ६ ४ ४ ४ | ० ० ० ० ० उदय | ४ | ५ | ४ | ५ | ४ | ५ | ४ | ४ | ५ | ५ | ४ | ० सत्ता । ९ । ९ | ९| ९९ | ९ ६ ६ | ९| ६ | ४ एह उपरले यंत्रमे दर्शनावरणीयके ११ भंग है, सोइ विचार लेना सुगम है. ६३| वेदनीयके भंग गुणस्थान उपर 900w W W مر our ocw oc مر له سه oc cWW oc له سه » ccwww cwww m | | ४| ४| » ० ० भंगरचना अंक १ । २ । ३ | ४ | बंध | असाता | असाता | साता | साता उदय असाता साता | असाता | साता | असाता । साता असाता साता सत्ता असाता → | ए | व | म् । → | असाता | साता साता एह वेदनीयका यंत्र अयोगीके द्विचरम समये पांचमा ६ भंग, चरम समये असाता क्षय ७ मा साता क्षय ८ मा. देवताना-यंत्र ५ तिर्यंच-यंत्र ९ | अंक १ | २ | ३ | ४ ५ । | | ૨૬ ૨૭ ૨૮ ૨૧ર૦ર૬રરરર | | 0 | देम | तिन | ० ००० | | ति | ति | ति | ति | ति | ति | ति | ति | ति दे 04 दे ति | ति | ति | ति | ति | ति तिन | दे | म | तिन मनुष्य-यंत्र ९ नरक-यंत्र ५ २४ २५ २६ | २७, २८ | ० म | ति | ०० न । न न न न ० म दे | म | ति म म म न | 0 | म म | ० ० ० म मम म FAM म न FM म | मम | तिन न । न न म | ति म | ति |
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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