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________________ १५४ पंच गुण आगति तिर्यं मनु- देवगति स्थिति रूप देव विकु नाम भव्य - तिर्यं - सातो युगल युग वर्जी ल शेष वर्जी सर्व शेष २५ आवे सर्व देवलो माहे - कादि थी सर्वदेव आवे to te to or द्रव्य - च, नर देव मनु- कका १ ष्य, आवे देवता होणे टे न चक्र- प्रथम व र वर्ती नरक थी आवे २ ४ (७२) भगवती श० १२, उ०९ ( सू० ४६१-४६६), पंच देव वाला 5 10 10 10 5 नर- च ष्य कथी गति गति भा धर्म - साधु पहि- तेज, युग देव ३ व टे व देवा - ती पहिधिदे-र्थं ली व क तीन र ५ चार प्रका रना देवता पांच नरक - थी आवे ली वायु ल युगल वर्जी नही नरक थी आवे o ० वर्जा ने शेष शेष सर्व आवे आवे o o एकें - संमूद्री ५, च्छिम विग- मनुष्य लेंदी वर्जी सर्वार्थ- ज० अंत - ज० सिद्धि वर्जी ३ शेष वर्जी सर्वशेष थी आवे आवे सर्व देव तानो आव्यो प्रमुख सर्व ४ देवथी आवे वैमानिक ज०अंत र्मुहूर्त, ३० तीन मुहूर्त, १,२,३ तके उ० देवअसं-तामे पल्यो पम ज० सात सो वर्ष o उ० ८४ ३. लक्ष पू र्वनी उ० देश ऊन पूर्व कोटि ख्य "एकस्मिन् ज० ११२श उ० अ सं. "" वैमा निकी वर्ष, उ० तो है, ८४ लक्ष परंतु पूर्वनी विकुर्वे नही काल संतिष्ठन करी काय कहां स्थिति जावे ४ जा - ज० अंत- ज० दश हजार मुहूर्त, उ० तीन वर्ष, अंतपल्यो पम ज० दस ज० १.२. भोग न त्यागे तो उ० नरक मे ज० ७२ शक्ति-मुक्ति वैमा निक मे तथा . मोक्षे मे जावे ज० ७०० वर्ष, उ० ८४ लक्ष पूर्व ज० १ समय, उ० देश ऊन पूर्व कोटि ज० ७२ वर्ष, उ० ८४ लक्ष पूर्वं पृथ्वी ज० दस अप् हजार वन- वर्ष, उ० हजार वर्ष, उ० ३३ सा , अ स्पति ३३ सागरोपम संख्य गर्भज गरोपम तिर्यंच 서요. अं अल्प बहुत्व त र उ० वनस्पतिकाल मुहूर्त ख्या अधिक, त ज० १ सागर झझेरा, उ० देश ऊन अर्ध पुद्गल नवतत्त्वसंग्रहः पम, उ० देश ऊन अर्ध पुद्गल ० ज० अंत ४ अ सं ज० पृथ ३ क् पल्यो- संख्या मुहूर्त, उ० वनस्पति काल गु णा १ सर्व स्तोक 의연구 त गुणा ५ अ सं अव गाह ना ख्या त ज० अं गुल असंख्य भाग, उ० हजार योजनकी गु णा ज० ७ धनुष्यकी, उ० ५०० धनु ष्यकी २ ज० ७ सं- हस्तकी ज० १ हाथ झझेरी, ख्यात उ० ५०० गुणा उ० ५०० धनुष्य धनुष्यकी ज० १ हस्तकी उ० ७ हाथ, उत्तर वैक्रिय लाख योजन ३, मनुष्यमे जोगायाओ वि०, वीरियायाओ वि उवयोगदवियदंसणायाओ तिन्नि वि तुलाओ वि०" - भगवती सू० ४६७ । १. एकमां ।
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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