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________________ ३७७) गंध के कितने भेद हैं ? उत्तर : दो - सुरभि व दुरभि । ३७८) रस किसे कहते हैं ? उत्तर : रसनेंद्रिय के विषय को रस कहते है । ३७९) रस के कितने भेद हैं ? उत्तर : पांच - १. तिक्त - (चरपरा), २. कटु (कडवा), ३. कषाय (कसैला), ४. अम्ल (खट्टा), ५. मधुर (मीठा) । ३८०) स्पर्श किसे कहते हैं ? उत्तर : स्पर्शनेन्द्रिय के विषय को स्पर्श कहते हैं । ३८१) स्पर्श के कितने भेद हैं ? उत्तर : आठ - १. शीत, २. उष्ण, ३. स्निग्ध, ४. रूक्ष, ५. लघु, ६. गुरु, ७. मृदु, ८. कर्कश । ३८२) रूपी द्रव्य के कितने भेद हैं ? उत्तर : दो - १. अष्टस्पर्शी, २. चतुःस्पर्शी । .. ३८३) अष्टस्पर्शी रूपी द्रव्य किसे कहते है ? .. उत्तर : जिसमें वर्ण, गंध, रस और संस्थान के साथ उपरोक्त आठों स्पर्श पाये जाते हैं, उसे अष्टस्पर्शी रूपी द्रव्य कहते है। ३८४) चतुःस्पर्शी रूपी द्रव्य किसे कहते है ? उत्तर : जिसमें वर्ण, गंध, रस के साथ उष्ण, शीत, स्निग्ध और रूक्ष, ये चार स्पर्श पाये जाते हो, उसे चतुःस्पर्शी रूपी द्रव्य कहते है। काल द्रव्य का विवेचन ३८५) एक मुहूर्त में कितनी आवलिकाएँ होती हैं ? उत्तर : एक मुहूर्त में एक करोड, सडसठ लाख, सत्तहत्तर हजार, दो सौ सोलह से (कुछ) अधिक आवलिकाएँ होती हैं । ३८६) समय किसे कहते है ? उत्तर : काल का अत्यंत सूक्ष्म अंश, जिसका केवली के ज्ञान में भी विभाग २२२ त्त्वि प्रकरण.
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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