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________________ ११६ पञ्चरकाल नाष्यअर्थसहित. जाणवी. तथा ( सत्तु के) साथुन (मंग के) मांमा, रोटली, पक्कान, रोटला पूमा प्रमुख. (प य के ) दूध, दही, घृत, तेल. माखण विगयादि प्रमुख (खऊ के) खाजलां पकान खीर सुकु मारिका लापसी दहीथरां प्रमुख पकान. (रब्ब के) राबमी घेस प्रमुख (कंदाई के) कंदा दिक ते सूरणकंदादिक जाणवां. तथा तेमज,तुल सी नागरवल्यादि पत्र विना सर्व जातिनां फल फूल पत्र सर्वकंद सर्व वनस्पतिविकार शाकादि कूलरी चूरिम पर्पिटिकादि सर्व वस्तुनी जाति प्रशनमां हे आवे, तथा लवण, हिंग, सूया, अज मो, वरीयाली, धाणादिके तल्या एक वेसण पण प्रशनमा आवे,इत्यादिसर्व प्रशनजाति समजवी. हवे बीजो (पाणे के) पानने विषे तिहां जेने पीजीये ते पाणी कहीयें तेमां अपकाय ते बदी, तलाव, इह, समुश् इत्यादि पाणीना प्राश्र य संबंधि सर्व स्थलोनुं पाणी जाणवं. तथा (कं जिय के०) कांजीनुं पाणी गसनी पाउ, तमा (जव के०) यवतुं धोयस, (कयर के) केरनु
SR No.022326
Book TitleChaityavandanadi Bhashya Trayam Balavbodh Sahit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendrasuri
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages332
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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