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________________ अपने आपको कमजोर महसूस करता है। इसी संदर्भ में एक घटना है • अपने सिर पर उग आए सफेद बाल को जानते ही वे महाराजा संसार से विरक्त बन जाते हैं, परन्तु कुछ परिस्थितियों से बाध्य होने के कारण वे संसार का परित्याग नहीं कर पाते हैं; लेकिन उनका मन संसार से विरक्त बन चुका है। वे शाही भोजन भी करते है किन्तु उसमें उनको अब रस नहीं। वे शाही वेश-भूषा भी पहनते हैं, किन्तु उसमें कोई आसक्ति नहीं । वे महारानियों के साथ उद्यान-क्रीड़ा भी करते हैं, किन्तु उनमें मन का आकर्षण नहीं । चारों ओर नगर में यह बात फैल जाती है कि महाराजा संसार से विरक्त बन चुके हैं और किसी भी सानुकूल पल के आते ही वे संसार से महाभिनिष्क्रमण करेंगे। एक दिन दूर देश से एक पथिक उस नगर में आता है और नगरजनों से महाराजा की विरक्ति के सन्दर्भ में बहुत कुछ प्रशंसा सुनता है। उस पथिक ने राजसभा में जाने का और महाराजा के विरक्त-जीवन के दर्शन करने का निर्णय किया । ठीक समय पर वह राजसभा में पहुँच गया। उसने महाराजा को शाही वेश-भूषा में देखा। आभूषणों से अलंकृत महाराजा के चेहरे को देख सोचने लगा-"इतने वैभव-विलास के साथ, महाराजा विरक्त कसे हो सकते हैं ?" संध्या समय उसने महाराजा को महारानियों के साथ घूमते हुए भी देखा। उसने सोचा-"महाराजा के वैराग्य की बात शान्त सुधारस विवेचन-५५
SR No.022305
Book TitleShant Sudharas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasenvijay
PublisherSwadhyay Sangh
Publication Year1989
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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