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________________ ७६८ ७२४८ ७९२ तत्तो उव्यट्टित्ता, विचित्ततत्तो उव्वट्टित्ता, विचित्ततत्तो कयसिंगारो, तत्तो कुणंति सामत्थतत्तो कुमारियाओ, तत्तो कुसलपवित्ति, तत्तो गंगातीरे, हंसा तत्तो गणिणो ताण तत्तो चुओ य सुकुले, तत्तो चुया नरत्ते वि, तत्तो चेइयभवणे, गंतुं तत्तो जलजलणाऽनिलतत्तो जलथलखहयरतत्तो तं मग्गित्ता, तत्तो तुब्भे वेस त्ति, तत्तो तेण समीहियतत्तो दुव्वण्णमया, तत्तो देवो होही, पुणो वि तत्तो देसूणं पुव्वकोडितत्तो निवउज्जाणे, तरुसालोतत्तो निसाए नट्ठो, गओ तत्तो निसियाए कप्पणीए, तत्तो पडिक्कमित्ता, तत्तो परेण लोगो, तत्तो पुणो वि तेहिं, तत्तो बब्बरमायंगतत्तो भगिणीरूवेण, तत्तो भयसंभंतो, तत्तो मओ य सो पुण, तत्तो मगहाविसए, सालि, तत्तो मुणिणा भणियं, तत्तो य उत्तरोत्तर-विसोहितत्तो य कज्जउज्झणतत्तो य चुओ संतो, तत्तो य तव्विरत्तो, तत्तो य तस्स निब्भरतत्तो य पंचपरमेट्ठितत्तो य पोसहं गाहिऊण, तत्तो य भवविवड्डी, तओ तत्तो लज्जाविगमो, तत्तोवएसयं सुह-गुरुं तत्तो वि अणंतबला, तत्तो वि चुया असरिच्छतत्तो विणिक्खमित्ता, तत्तो विवित्तदसे, निबद्ध ६९०० तत्तो सद्धम्मविरुद्ध-जंपिरं २१६२ तत्तो सुहुमं मणवइ२७८६ तत्थ अइदीहहस्सो, जो ३०७० तत्थ अणारियजणकीर१९७८ तत्थ इहलोइया संजयाण, ९१५४ तत्थ उ विग्गहसीलत्त४६१७ तत्थ किर नाणनयमय७६३३ तत्थ किर वेयणेणं, ५८३६ तत्थ खणिज्जंतम्मि, उड्डेहि २०५९ तत्थ गिही साहू वि य, तत्थ जइ ता तमऽक्खय७६७ तत्थ जमऽरिहंतेसुं, ४९६२ तत्थ जुवइ व्व सुविया, ९०७२ तत्थ ट्ठिया य जइणो, ९२७८ तत्थ नरत्ते सुहुमा, ६९६० तत्थ नियाणं तिविहं, २१२३ तत्थ पढमं जिणाणं, ९७४४ तत्थ पढम पि सम्म, तत्थ पविसित्तु विहिणा, ९१६३ तत्थ पुढवाऽऽइपणगे, २३५ तत्थ पुढवित्तणाओ, ९४२९ तत्थ पुण जत्थ गीयत्थ८७८५ तत्थप्पाणं पढम, ठवेज्ज २४६ तत्थ य अग्गीहोमो७६९ तत्थ य अच्चंतं दज्झ३९५५ तत्थ य अच्छंताणं, ३६६७ तत्थ य अविसेसेणं, वेहाण८६३९ तत्थ य इहभवपरभव-गुण२१६ तत्थ य करगहियगदो, ९१८२ तत्थ य गिहिणा जइ वि ५१७४ तत्थ य गिही मणी ८२३० तत्थ य गुणवंताणं, २३०२ तत्थ य जा उक्कोसा, बारस ८३० तत्थ य जा किर तेणं, ३३३९ तत्थ य जो तुम्ह पसाय६४० तत्थ य जो पव्वज्ज, काउं ३५३७ तत्थ य ठियस्स तुज्झ संसारा५००६ तत्थ य ठियस्स हरिदत्त४५३४ तत्थ यऽणुव्वयधारी, पवण्ण- ५११४ तत्थ य दिस त्ति गच्छो, ६७३० तत्थ य दीहरवडविडवि५६१५ तत्थ य नमंतपत्थिव-सिर३९४७ तत्थ य नाणाऽभावं, ३२७२ तत्थ य पसत्थधम्मऽत्थ तदसंपत्तीए पुणो, अवलंबिय४८३७ तत्थ य पुरम्मि अधरिय ५८८९ ९७५२ तत्थ य पुव्वपवंचिय-विहि- ९८९१ ३२२३ तत्थ य पुव्वाऽभिमुहो, २०९३ २८१४ तत्थ य फासुयदेसे, समे ५२७६ २२३६ तत्थ य मज्जइ जीवो, ७०३८ ३८६९ तत्थ य विसट्टकंदोट्ट ५१८६ तत्थ य संखेवेणं, ताव ६२४ ८७६८ तत्थ य संपत्ताणं, होही ८०९९ ५८९१ तत्थ य समणा अणियय- २७७९ २०६४ तत्थ य सव्वंपि निसं, ६३०७ ३११७ तत्थ य सहु व्व असहू, ३०५९ ८३२५ तत्थ य सामण्णविहि-प्पवित्ति- १५२४ ८२ तत्थ य सुवण्णभूमी-गमण- ८०९६ २२५० तत्थ रमंतो सो हेरिऊण, ६४४ ८४०८ तत्थ वि आरियदेसो, ३३७ ९१३१ तत्थ वि कहिपि सविसेस- २४ ३६०१ तत्थ वि पुव्वठिईए, दड्डो ६१३५ ९४२८ तत्थ वि भत्तपरिण्णा-पवण्णियं ९७३७ १५३८ तत्थ वि य कुंभयारो, ७८६९ ३०३३ तत्थ वि य भाविभद्दत्तणेण, २५ ८३९३ तत्थवि य समत्थतवस्सि२२८२ तत्थ वि विज्जुड्डामर-महल्ल- २४७ ४५४ तत्थ वि विडाण मिलिओ, ६४५६ ३८६२ तत्थऽवि सविसेसतरं, १७०३ २३८ तत्थ वि सो आहारं, २७६८ ३४६६ तत्थ सचित्तमऽचित्तं, ७५०० ९७३४ तत्थ समत्थजिएसुं, मिति ९६२४ २४८८ तत्थ समत्थपयत्थ-प्पयासणे ५०४६ ९०९२ तत्थ सुयस्साऽवण्णा, एवं ३८५६ ३३८२ तत्थाऽऽइल्लेहिं तिहिं, ३६०७ तत्थाऽऽगया य बहवे, ६२१८ तत्थाऽऽरूढो संतो, अणेग- ३९७३ ४००६ तत्थुप्पण्णो तं तं, करेइ ३७२१ ३४९७ तत्थेव पुरे एगो, सत्थाहो ९००३ ७५८६ तत्थेव य बहुदोसो, ७१२५ २०५१ तत्थेव संपयट्टइ, तहा पयट्टो ७४४८ ३२५ तदऽपुच्छणे परोप्पर ४८५० ४८०० तदऽभावे मिहिलाए, १७४५ ३३४५ तदऽभावे साहारण-दव्व४१७२ तदमच्चो वा सेट्ठी, सत्थाहो २३०६ ५२३६ तदऽसंखेज्जगुणासेढीए, ९७६९ २३१२ तदऽसंपत्तीए पुण, मग्गि- ५४४६ तदऽसंपत्तीए पुण सामाइय- ३००७ २६६८ तदसंपत्तीए पुणो, अवलंबिय- ६२६ ३७१५ २७७५ 3e
SR No.022285
Book TitleSamveg Rangshala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh
Publication Year2009
Total Pages378
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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