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________________ ११७९ (प्रेरक : मुनिश्री सत्वभूषण विजयजी) ५१. श्री गोवालीया टेंक जैन संघ, मुंबई (प्रेरक : गणिवर्यश्री कल्याणबोधि वि. म.सा.) ५२. श्री विमलनाथ जैन देरासर आराधक संघ, बाणगंगा, मुंबई ५३. श्री वाडीलाल साराभाई देरासर ट्रस्ट प्रार्थना समाज, मुंबई ___ (प्रेरक : मुनिश्री राजपालविजयजी म. तथा पं. श्री अक्षयबोधि विजयजी गणिवर) ५४. श्री प्रीन्सेस स्ट्रीट, लुहार चाल जैन संघ (प्रेरक : गणिवर्य श्री कल्याणबोधि वि. म.) ५५. श्री धर्मशांति चेरीटेबल ट्रस्ट कांदिवली (ईस्ट), मुंबई (प्रेरक : मुनिश्री राजपाल विजयजी म. तथा पं. श्री अक्षयबोधि विजयजी गणिवर) ५६. साध्वीजी श्री सूर्ययशाश्रीजी तथा सुशीलयशाश्रीजी के पार्ला (ईस्ट) कृष्णकुंज में हुए चातुर्मास की निधि में से ५७. श्री प्रेमवर्धक देवास श्वे. मूर्तिपूजक जैन संघ, देवास, अमदावाद __ (प्रेरक : पू.आ. श्री हेमचंद्रसूरिजी म.) ५८. श्री पार्श्वनाथ जैन संघ, समारोड, वडोदरा (प्रेरक : पंन्यासजी श्री कल्याणबोधिविजयजी गणिवर्य) ५९. श्री मुनिसुव्रतस्वामी जैन देरासर ट्रस्ट कोल्हापुर (प्रेरक : पू. मुनिराज श्री प्रेमसुंदर विजयजी म.) ६०. श्री धर्मनाथ पो. हे. जैन नगर श्वे. मू.पू. संघ, अमदावाद (प्रेरक : पू. पुण्यरति विजयजी महाराज) ६१. श्री दिपक ज्योति जैन संघ, कालाचोकी, परेल, मुंबई (प्रेरक : पू.पं. श्री भुवनसुंदर विजयजी गणिवर्य तथा पू.पं. श्री गुणसुंदर विजयजी गणिवर्य) ६२. श्री पद्ममणि जैन श्वेतांबर तीर्थ पेढी - पाबल, पुना (प्रेरक : पं. कल्याणबोधि विजयजी के वर्धमान तप सो ओलीकी अनुमोदनार्थे, पंन्यासजी श्रीविश्वकल्याणविजयजी गणिवर्य) ६३. ओमकार सूरीश्वरजी आराधना भुवन - सुरत (प्रेरक : आ. गुणरत्नसूरि म. के शिष्य मुनिश्री जिनेशरत्नविजयजी म.) ६४. श्री गोडी पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, नायडु कोलोनी, घाटकोपर (ईस्ट), मुंबई ६५. श्री आदीश्वर श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, गोरेगाव ६६. श्री आदीश्वर श्वेतांबर ट्रस्ट, सालेम (प्रेरक : पू. गच्छाधिपति आ. जयघोषसूरीश्वरजी म.सा.) ६७. श्री गोवालिया टेक जैन संघ, मुंबई---- (प्रेरक : पं. कल्याणबोधि विजयजी गणिवर्य) ६८. श्रीविलेपारले श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ अन्ड चेरिटीझ, विलेपार्ले (पूर्व), मुंबई ६९. श्री नेन्सी कोलोनी जैन श्वे.मू.पू. संघ, बोरीवली, मुंबई ७०. मातुश्री रतनबेन नरसी मोनजी सावला परिवार (प.पू. श्री कल्याणबोधि वि.ना शिष्य मुनि भक्तिवर्धन वि.म. तथा सा. जयशीलाश्रीजी के संसारी सुपुत्र राजनजी की पुण्यस्मृति निमित्ते ह. सुपुत्रो नवीनभाई, चुनीलाल, दिलीप, हितेश)
SR No.022277
Book TitleGurugun Shattrinshtshatrinshika Kulak Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnabodhivijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages402
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size30 MB
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