SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 213
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अथ जन्मचर्या नाम अष्टमोल्लासः : 211 जीवित रहता है। उसके बाद मृत्यु न हो तो कालमर्म टूट गया है, ऐसा समझना चाहिए। दिनेऽर्कस्यापरान्तोऽपि स्वास्थ्यकृद्विंशतिं घटी: । पश्चादष्टादश घटीर्मोहो भवति निश्चितम् ॥ 215 ॥ 1 रविवार का 20 घड़ी तक अपरान्त होता है । यह इतने ही समय तक विषपीड़ित मनुष्य को स्वस्थ रखता है। इसके उपरान्त 18 घड़ी तक निश्चिय ही मोह ( मूर्च्छित) होता है । सोमादीनां दिनेष्वेवं घटचः कालापरान्तयोः । कालस्य प्रथमाः पश्चादपरान्तरस्य च क्रमात् ॥ 216 ॥ इसी प्रकार सोमवार आदि दिवसों को भी काल और अपरान्त की घड़ी को समझना चाहिए। इनमें पहले काल और परवर्ती अपरान्त की घड़ी क्रमशः होती है । सोमस्य दिवसे काल वेधो घट्यो जिनैः समाः । स्वास्थ्याय षोडश ततो मोहायाष्टादश स्फुटाः ॥ 217 ॥ सोमवार के दिन काल की 24 घड़ी, रोगी को स्वस्थ रखने वाली अपरान्त की 16 और उसके बाद मूर्च्छा की 18 घड़ी कही जाती है। भौमस्य दिवसे कालो घटिका विंशतिर्भवेत् । घटक द्वादश स्वास्थ्यं मोहः षट्त्रिंशदेव च ॥ 218 ॥ मङ्गलवार को पहले काल की 20, इसके उपरान्त रोगी को स्वस्थ रखने वाली अपरान्त की 12 और इसके अनन्तर मूर्च्छा की 36 घड़ी होती है । बुधस्य दिवसे ज्ञेया घट्यः कालस्य षोडश । स्वास्थ्यस्य घटिका अष्टौ मोहः सार्धं दिनं ततः ॥ 219 ॥ बुधवार को पहले काल की 16, रोगी को स्वस्थ रखने वाली अपरान्त की 8 और इसके बाद डेढ़ दिवस तक मूर्च्छा की मर्यादा स्वीकारी गई है। बृहस्पतिदिने कालघटिका द्वाद्वश स्मृताः । चतस्त्रो घटिकाः स्वास्थ्ये द्वयहं मोहोऽथ षड्ङ्घटीः ॥ 220 ॥ इसी प्रकार से गुरुवार को काल की 12 और अपरान्त की चार घड़ी है जबकि मूर्च्छा की दो दिन और छह घड़ी तक मर्यादा कही गई है। शुक्रस्य दिवसे कालघटिका अष्ट निश्चिताः । घट्याऽष्टाविंशति स्वास्थ्यं मोहो दिनचतुष्टयम् ॥ 221 ॥ शुक्रवार को पहले काल की 8 घड़ी के बाद अपरान्त की 28 घड़ी और उसके उपरान्त मूर्च्छा के 4 दिन बताए गए हैं।
SR No.022242
Book TitleVivek Vilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreekrushna
PublisherAaryavart Sanskruti Samsthan
Publication Year2014
Total Pages292
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy