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________________ सिद्धान्तसार. ( ११९ ) वली तेरापंथी, श्रावकना खावा पीत्रा, कपमां ने घरेणां सर्वने अतमां गणे ने कड़े वे के, पोते सेवे तो पाप, बीजा पासे सेवरावे तो पाप, ने सेवताने जलुं जाणे तेमां पण पाप, एम कहे बे. ते उपर मतना लीधे सूत्रनां जुवां नाम लइने खोटी जोमो करी बे. ते ढालःश्रावकनो खाणो पीणो ने गेहणो, अत्रत मांही घाल्योरे; सुयगकांग ने नववाइ सूत्रमां, पाठ नघाको चापरे. चतुर विचार करीने देखो 11 3 11 ए जुन ! श्रावकना खावा पीवा ने घरेणांने सुयगमांग तथा नववा सूत्रनां जुठां नाम लइ व्रतमां कहे बे तेना उत्तरनी ढालःखाणो पीणो गेहणो ने कपको, ए तो पुजल होइरे; व्रत ने व्रत परणामारी, बहु सूत्र ल्यो जोइरे; चतुर विचार करीने देखो ॥ १ ॥ खान पान ने गेहलो कपमो पुल, एही व्रत थायोरे; तो भरत मरुदेवी श्रमर्ण पढेय, केवल ज्ञान केम पायोरे. चतुर विचार करीने देखो ॥ २ ॥ बे, हवे जुड़े ! खान पान घरेणुं ने कपकुं, ए तो अठ- फरशी रुपी पुरुष व्रत तो तेरापंथीना बनावेला तेर द्वारमां पण श्ररुपी कयुं बे. तेमज सूत्रमां पण गमठाम जीवनी आशा तृना अने अत्यागनावना प्रणाम व्रत कयुं छे. बतां तेरापंथी छान्न-वस्त्रादिक रुपी पुजलने व्रतमां बतावे बे. माटे तेमने पुछवुं के, हे देवानुप्रीय ! “मारुदेवी माता हाथीना दोद्दा उपर घरेणां कपमां पेहेरीने बेठां, तेमने केवलज्ञान नपन्युं सूत्र ठाणायांगमां कयुं बे; ाने भरतमाहाराजने पण घरेणां कपां पड़ेय केवलज्ञान उपन्युं वे अने ते पछी घरेषां कपमां उतायां एम सूत्र जंबुद्धिपपन्नत्त मां कह्युं बे. ए घरेणां कपमां पदेयां थकांने - व्रतमां केवलज्ञान केम उपन्युं ? ” तेवारे तेरापंथी कदेबे के “ घरेषां कपकां तो रुपी पुल बे. ए तो श्रव्रत नथी, पण तेना उपर ममतजाव 66
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
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