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________________ अर्पण पत्रिका. महत्पदादि अनेक गुणगणालंकृत सुज्ञ मुरब्बी राजमान राजेश्री मेहेता पीताम्बरजाइ हाथीजा माजी कारजारी साहेब । स्टेट-पालणपुर. ___ बाल्यावस्याथी स्वशक्तिबले संसारिक व्यवहारमा तेमज राजकार्यादिमां अच्युदय प्राप्त थवाथी आपे स्वउपार्जीत इव्यनो अन्य अन्य प्रसंगे विद्या केलवणीमां तथा धर्मकार्योमां अंतःकरणना धार्मिक उत्साहथी व्यय करी पोताना आत्माने निर्मल करेलो जे तेनो प्रत्यक्ष दाखलो के शुल संवत् १९३० मां महामुनो तपस्वीजी श्री त्रीलोकचंद्रजी माहाराज अबे चोबासु पधारी ए१ अपवास करेला ते प्रसंगपर गुजरात, मारवाम अने काठीयावाम विगेरे देशोना जैनलाइन दर्शनार्थे आवेल तेमनी सेवा बरदाश करवामां तत्पर रही अत्यंत नम्रता लाव दर्शावेल तेमज अद्यापि पर्यंत अहर्निश पूर्वोक्त धर्मादि कार्य स्वात्म पवित्रतार्थे करोडो अने तेवी पवित्रता प्राप्त थवाथी वृद्धावस्थामा शान्तरसनो आपना अंतःकरणमा जमाव थयो ने तेनो प्रत्यक्ष अनुजव पालणपुरना जैन समुदायमां प्रसंगे प्रसंगे यता तुंचा मनने शान्ती पमाम्वामां आपनुं अंतःकरण साधनभूत थाय . एवा अनेक कारणोने लीधे तेमज परोपकारार्थे आ महान् ग्रंथ प्रसिद्ध करवामां मने मदद आपी मारा उपर पूर्ण सद्लाव राखोडो तेथी आ जापान्तररुप ग्रंथ आपनी पवित्र सेवामां सविनय अर्पण करुं हुं ते स्वीकारशोजी. ली. पाखणपुर वीर संवत् २४३४. विक्रम संवत १९६४. थाज्ञांकित नाषान्तर कर्ता . .
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
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