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९९
११२
१४२
१४१
१७२
१७२
१७८
२३०
२३६
पंक्ति
८
१२
१९
२०
१९
७
१८
८
२०
१०
११
८
२३
२
२०
१८
पहले सुधारें, फिर पढ़ें
अशुद्धि
मात्र
कर्म
बन्ध
और भी
ही
स्वतव
मोहमार्ग
महत्वा शक्ति
उत्स सूत्र
शब्द के
मिथ्या सत्य
सद्द
भेद
परजन्म
त्मक
वैसे ही.
माना
तेस्सि
मल
दुब्बल
कसायस्य
धारण
शुद्धि
मात्रा
अशुभकर्म
बन्ध-हेतु
और है भी
है
स्वत्व
मोक्षमार्ग
महत्वासक्ति
उत्सूत्र
शब्द के बाद के
मिथ्या को सत्य
सद्ध
प्रदेश
पर-जन्य
त्मक-बोध
वैसे ही माया के
माया
तेसि
मूल
दुब्बलो
कसायरस
धारण किया