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________________ ।। श्री शत्रुंजय तीर्थाधिपति श्री आदीश्वराय नमः ।। ॥ श्री वर्धमान स्वामिने नमः || || प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्र सूरीश्वराय नमः ।। ॥ वंदनीय अवंदनीय | २ दिव्याशिष आचार्यदेवश्रीविद्याचंद्रसूरीश्वरजी म.सा. मुनिराज श्रीरामचंद्रविजयजी म.सा. 8 संपादक मुनिराज श्री जयानंदविजयजी ९ प्रकाशक श्रीगुरुरामचन्द्र प्रकाशन समिति, भीनमाल, (राज.) २ मुख्य संरक्षक .. (१) श्री संभवनाथ राजेन्द्र सूरि जैन श्वे. ट्रस्ट, विजयवाडा A. P. कुंडलवरी स्ट्रीट, विजयवाडा (A.P.) (२) मुनिराज श्री जयानन्द विजयजी आदि ठाणा की निश्रा में वि. २०६५ में शत्रुंजय तीर्थे चातुर्मास एवं उपधान करवाया उस निमित्ते लेहर कुंदन ग्रुप, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी बालगोता परिवार, मंगलवा (३) एक सद्गृहस्थ, भीनमाल (४) संघवी उत्तमकुमार सन्तोषदेवी कुणाल, मेघा बेटा पोतारीखबचंद ताराजी नागोवा सोलंकी, बाकरा (राज.) R. T. SHAH & CO., 1, सांबयार स्ट्रीट, जार्ज टाउन, चेन्नई-6 -600 001.
SR No.022221
Book TitleVandaniya Avandaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Jayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages172
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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