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________________ पृष्ठांक. ७२२ ७२९ विषयांक. . विषय का नाम. २१५ आलोयणा किस प्रकार लेना उसका स्वरूप. २१६ आलोयणा लेनेवालेके दश दोषोंका स्वरूप. ७२५ २१७ सम्यक्प्रकारसे आलोयणा करनेवालेके गुण. ७२७ २१८ भलीभांति आलोयणा न करने पर लक्षमणासाध्वीकी कथा. जन्मकृत्य प्रकाश ६. २१९ रहनेका स्थान कैसा चाहिये ? उसका स्वरूप. ७३३ २२० कुप्राममें रहनेसे हानि ऊपर एक वणिकका दृष्टांत. ७३५ २२१ रहनेका घर कैसा होना चाहिये ? उसका स्वरूप. ७३६ २२२ बुरे पडौसीसे होनेवाली हानि. ७३७ २२३ भूमिकी परीक्षा. ७३८ २२४ भूमिमें से निकले हुए शल्य का फल. ७३८ २२५ सुख शांतिके लिये त्यागने तथा ध्यानमें रखने के नियम ७३९ २२६ घर बनवाने में जिनमंदिरकी वस्तु वपरा जाने से हुई हानिके विषयमें वणिकका दृष्टान्त. ७४० २२७ घर करने संबंधी विचार, ७४१ २२८ घरमें चित्रादि केसे होना चाहिये उसका स्वरूप. २२९ घरमें वृक्षोंसे होनेवाले शुभाशुभ फलका स्वरूप. ७४२ २३० धर बंधवाने के नियम. ७४२ २३१ कैसे घरमें रहना उसका स्वरूप. ७४३ ७४१
SR No.022197
Book TitleShraddh Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJain Bandhu Printing Press
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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