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________________ ( १२ ) विषयांक. विषय का नाम. १५० न्यायोपार्जित द्रव्यके ऊपर सोमराजकी कथा १५१ न्यायोपार्जित धनका दान देने ऊपर चौभंगी, उसमें दुसरे भेद आश्रयी लाखनाझणको जिमानेवाले ब्राह्मणकी कथा १५२ अन्यायोपार्जितधनके ऊपर रंक श्रेष्ठी की कथा १५३ व्यवहारशुद्धिकी आवश्यकता १५४ देशविरुद्ध, कालविरुद्ध और राज्यविरुद्धका स्वरूप १५५ राज्यविरुद्ध ऊपर रोहिणी की कथा १५६ लोकविरुद्धका स्वरूप और दूसरेके झूठे दोष कहने पर वृद्ध ब्राह्मणी की कथा १५७ सच्चे दोष न कहने ऊपर तीन खोपड़ियों का दृष्टांत १५८ लोकविरुद्ध कौन कौन पदार्थ और उनको त्यागने - की जरुर १५९ धर्मविरुद्धका स्वरूप १६० पिता १ माता २ सहोदर ३ स्त्री ४ संतान १५ जाति६ गुरुजन७ नागरिकद और अन्यदर्शनी ९ इन्होका उचिताचरण १६१ स्त्रीका कहा करनेपर दुःखी होने ऊपर मंथरकोलीकी कथा पृष्ठांक ४४८ ४५० ४५३ ४५६ ४५७ ४५९ ४६१ ४६२ ४६२ ४६३ ४६४ ४८२
SR No.022197
Book TitleShraddh Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJain Bandhu Printing Press
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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