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________________ हुस्ये नेलगी तत्व देव गुड्नेपर्म घ्यादीसुद्धपंथते धर्ममार्गखोपासे नयनयामतपंथप्रगटथाशे मायन्य हुएपने धर्म पपसेने हवा पंयना सेयर हुसे मोक्षमार्ग हाधर्म सोपाशे गाउा . सगधराः।। प्रोशर्ष भस्मरासीः महसरवदसमाश्चर्य सामाज्यपुपद ।। मिथ्यात्वंध्यांत रुद्दे जगतिविरलतायातिजैनेंद्रमार्ग।संक्लीष्टंद्रष्टि मुढा प्रवल जडजनाम्नायरक्तै र्जिनोक्ति ।। प्रत्ययीसाधुवेषेः विषयभिरभि तःसोयपार्थिसपंथाः॥४॥ जेसंघपयनी योथी गव्य उही रुवेतेनोमर्थ रहेछ. प्रो. उत्सर समानलस्मरासीयाल्मो डीपस्य तथासमानछेरालए महातमा मोटोमायर्य तेजन्ती योयीसीपेनगर मीथ्यात्वीना मार्गथोपिया जो नायर्यले मार्ग स्थापरमीनुरा लसुरमंत्र पारीली धपती हवीनवपंगाना प्रजम हयानगगुरीनरांगे उरी पुन्नयम लक्ष्मीना संथय याये उसीखीयाटप्नेलनमा उहाये सुद्ध घ्यामागतेजस्य पतंगपत संसीष्टधीष्ट मुंढकीस्यापर ध्याधर्म नानीमज्ञानी उसीसीमा घणुजम दुर्जननासो रहे जेएसएरी गेनिनग्रामसायछे उतीर्थसाधु वेष धारीछे पीए बीयरीनारीमासंगनारगुहार सोहयासमार्या यनयुनेसुंगपे उरी अयिततेषती मुस्त पंथवांछेछे पीअर्पितुतेरुनेन होर्या ॥सार्दुष॥ किंदिग्मोहमिताकिमंधवधिराः किंयोगजुर्णरुता ॥ किं दैवोपहताकिमंगठगिताकिंवायहीवेशिता ॥ कृत्वामूभिपदंश्रुतस्पयदमीद ष्टोसदोषामपि ॥यारत्तिकुपथाजड़ानदधतेसूर्यनिचैतकतेः ॥१७॥ - मेसंघपटानी सतरमी सन्य ही, हयेतेनोमर्थ रहेछ. िाि सीसीलुख्याछे रिचारमाधष्प, रिचारागाशियोगतंत्राीयार हीयुर्ण लुझे वासजेप, माथे पालीने सोचस्य वर्तिया उरोणे. चिंघा हएयाणे ने मंजुधी येशुमी भावरी से पिागारानी परे ग्याशेजापा मुग्घ मुरजगुरचना वाहयाजरायपनेरुशीने हीस्याने धर्म उहेछ.या ग्रहवासी रीमा मेरो वेषपारीओपीना वेषपूर्णने पाराधीनी परेमा वेषले चलायाने ऐतरेणे.ने
SR No.022152
Book TitleSamkitsar Granth
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages176
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size20 MB
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