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________________ जैन सिद्धांत मकरण संग्रह. १५५ जोजन ने ६ कळाना लांबा छे निषट अने निलवंत ने अडतां चारसो चारसो जोजनना उंचा छे, अने सो सो जोजनना घरतीमां डंडा छे, अने पांचसो पांचसो जोजनना पहोळा छे. मेरु पासे जइये तिहां पांचसो पांचसो जोजनना उंचा छे, अने सवासो सवासो जोजनना धरती मांहि डंडा छे, घटता अंगुलने असंख्यातमे भागे पोळा छे, ए हस्तिना दांतने आकारे छे. सोल वखारा पर्वत कहे छे. चित्त १, विचित्त २, नलीन ३, एकसेल ४, त्रिकुट ५, वेसमण ६, अंजण ७, मायंजण ८, अंकावर ९, पद्मावर १०, आशिविष ११, सुहावह १२, चंदे १३, सूरे १४, नागे १५, देवे १६, एवं १६ ते १६५९२ जोजन ने २ कळाना लांबा छे, पांचसो पांचसो जोजनना पहोळा छे, निषढ निलवंत थकी निकळतां चारसो चारसो जोजनना उंचा छे, अने सो सो जोजनना धरतीमां डंडा छे, सिता सितोदा पासे पांचसो पांचसो जोजनना उंचा छे, अने सवासो जोजनना धरती मांहि डंडा छे, पांचसो पांचसो जोजनना पोळा छे. वखारा पर्वत घोडाना खंधने आकारे छे. चोत्रिश लांबा वैताढ तेमां १ भरतनो वैताढ, १ इरवतनो वैताढ, अने ३२ विजयना ३२ एवं ३४ वैाढ ते पचीश पचीश जोजनना जंचा छे अने सवाछ जोजनना धरती मांहि उंडा छे, पचास पचास जोजनना पहोळा छे तेमनी बाहा ४८८ जोजन ने १६ कळा झाझेरी छे तेमनी जीवा १०७२० जोजन ने १२ कळानी. तेमनी धनुष पिठ २०७४३ जोजन ने १५ कळा. एकेके वैताढे व गुफा छे तमस मुफा अने खंड प्रपात गुफा. ए २ गुफाओ पचास पचास जोजननी लांब अने १२ जोजननी पहोळि छे अने आठ जोजननी उंचि छे तेमांहि बबे नदी छे तेना नाम उमगजला ने निमगजला. एक विश जोजन
SR No.022129
Book TitleJain Siddhant Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAjramar Jain Vidyashala
Publication Year1928
Total Pages242
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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