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________________ वा (१२) ११३ जिनेश्वरोनी अधिष्ठायिका देवी ११८ ४४ ११४ जिनेश्वरोना गणधरनी संख्या ११९ ४४ ११५ जिनेश्वरोना साधुओनी संख्या ११९ ४४ ११६ जिनेश्वरोनी साध्विओनी संख्या १२० ४४ ११७ जिनेश्वरोना श्रावकनी संख्या १२१ ४५ ११८ जिनेश्वरोनी श्राविकाओनी संख्या १२१ ४५ ११९ जिनेश्वरोना केवलज्ञानीमुनिओनी संख्या १२२ ४५ १२० जिनेश्वरोना मनःपर्यवज्ञानधर मुनिवरोनी संख्या १२२ ४५ १२१ जिनेश्वरोना अवधिज्ञानी मुनियोनी सं० १२३ ४५ १२२ जिनेश्वरोना चौद पूर्वधर मुनियोनी सं० १२४ ४६ १२३ जिनेश्वरोना वैक्रियलब्धिधर मुनि संख्या १२४ ४६ १२४ जिनेश्वरोना वादी मुनियोनी संख्या १२५ ४६ १२५ जिनेश्वरोना सामान्य मुनियोनी संख्या १२५ ४६ १२६-१२८ अनुत्तरोपपातिकमुनि, प्रकीर्ण कान्थ अने प्रत्येकबुद्ध मुनिवरोनी संख्या १२६ ४६ १२९ जिनेश्वरोना आदेशनी संख्या १२६ ४७ १३०-१३१ साधु अने श्रावक व्रतनी संख्या १२७ ४८ १३२ जिनेश्वरोना साधुओना उपकरण १२७ ४८ १३३ जिनेश्वरोनी साध्विओना उपकरण १२७ ४८ १३४-१३५ चारित्र अने तत्त्वोनी संख्या १२८ ४९ १३६-१३७ सामायिक अने प्रतिक्रमण संख्या १२८ . ५० .
SR No.022123
Book TitlePanchsaptati Shatsthan Chatushpadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendrasuri, Yatindravijay
PublisherRatanchand Hajarimal Kasturchandji Porwad Jain
Publication Year1935
Total Pages202
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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