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________________ २१७ २१७ २१९ २२२ २२४ २२५ २२७ २३० २३३ २३५ २४३ २४५ २४७ २६१ कषायनिग्रह कषायसेवन-असेवनके फलपर विचार कषायत्याग-माननिग्रह-बाहुबलि मानत्याग-अपमान सहन संक्षेपसे क्रोधनिग्रह षडरिपुपर क्रोध-उपसर्ग करनेवाले के संग मित्रता मायानिग्रह उपदेश लोभनिग्रह उपदेश मदमत्सर निग्रह उपदेश विशेषतया इर्षा न करना कषायसे सुकृतका नाश कषायसे होनेवाली हानिकी परम्परा मदनिग्रह-खास उपदेश संसारवृक्षका मूल कषाय कषायके सहचारी विषयोंका त्याग कषायके सहचारी प्रमादका त्याग थोडा नीचे देखकर चल-उपसंहार-औद्धत्य त्याग अष्टमः शास्त्रगुणाधिकारः ऊपरचोटीका शाखाभ्यास शास्त्राभ्यासी प्रमादीको उपदेश स्वपूजा निमित्त शास्त्राभ्यास करनेवालोंके प्रति परलोकहितबुद्धिरहित अभ्यास करनेवालोंको शान पढकर क्या करना ? शास्त्राभ्यास करके संयम रखना केवल अभ्यास करनेवाले और अल्पाभ्यासी साधकमे कौन श्रेष्ठ है ? मुग्ध बुद्धि वि. पंडित शास्त्राभ्यास-उपसंहार चतुर्गतिके दुःख नरकगतिके दुख तिर्यचगतिके दुःख देवगतिके दुःख मनुष्यगतिके दुःख २७४ २७८ २८० २८२ २८३ २८५ २८७ २९१ २९२ २९५ २९७
SR No.022086
Book TitleAdhyatma Kalpdrum
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManvijay Gani
PublisherVarddhaman Satya Niti Harshsuri Jain Granthmala
Publication Year1938
Total Pages780
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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