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________________ प्रश्न. ६९ ७० ७१ ७२ ७३ ७४ ७५ 1 ७६ ७७ ७८ ॥ विषयानुक्रमणिका ॥ विषय. शक्ति किहां है ? द्रव्य शक्ति गुण जीव ने उपयोग केतला है ? ( ७ ) प्रत्यक्ष. जोग ३ ते साधुनें छै, रत्नत्रय रूपै प्रणमै छै ते किम् ? ४५ शुद्धोपयोग ते सम्यक्ती नें होइ, मिथ्यात्वी ने शुभ क्रिया होइ पण शुभ उपयोग न होइ. बीजी रीते सम्यक् दर्शन नो अर्थ. त्रीजी रीते सम्यक् दर्शन नो अर्थ. सम्यक् दर्शन नो चौथो भेद स्वरूप किम् भोग पडै ? पृष्ट. "" स्वरूप. दर्शन, ज्ञान, चारित्र वीर्य गुण ते कुण "" ४६ ४७ ४८ ए रत्न तय धर्म थी जन्म, जरा, मरण ना भय टलै छै ते किम् ? प्रमाण ४ ते जीव तीन कर्म - द्रव्यकर्म, भावकर्म, नोकर्म नो ५१ ४९ ५० 95
SR No.022052
Book TitleRatnasar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTarachand Nihalchand Shravak
PublisherTarachand Nihalchand Shravak
Publication Year1899
Total Pages332
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size14 MB
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