SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 275
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट १. गाथानुक्रमणिका गाथा १९३ २९० २३० . [आ ] गाथा লাখা गाथा गार्थाक गाथांक [अ] अव्वाबाहाउच्चिय ३९८ [ ] अकयागमकयनासा. २१९ अह उ अणन्नो देह १७९ इक्कस्स इक्कमे खलु ३११ अच्चंतदारुणाई १०२ अह उ तहाभावंमि हु १६१ इत्तरियपरिग्गहिया २७३ अज्झीणे पुन्वकए अह उभयक्खयहेऊ १४५ इत्तुच्चिय अफलत्ता १४९ अट्ठण्हं सत्तण्हं ३०९ अह तं अहेउगं चिय १४८ इत्तो य इमा जुत्ता २५४ अटेण तं न बंध अह तं सयंचिय तो १५२ इत्थ उ समणोवासग ३२८ अण अप्पच्चक्खाणा १७ अह परपीडाकरणे २४५ इत्य य परिणामो खलु ५४ अणिवित्ती विहु एवं १७३ मह परिणामाभावे इत्थ वि समोहया मूढ १५७ अणुवक्कमिओ नासह २०५ अह सगयं वहणं चिय १४ इत्थीपुरिसनपुंसग - १८ अतसवहनिवित्तीए १२६ अहिगरणखामणं खलु ३६५ इत्थीपुरिसनपुंसग - ७७ अथिच्चिय अभिसंधी २५१ इय अणुभवलोगागम १७४ अनिरिक्खियापमज्जिय ३१५ इय अणुहवजुत्तीहेउ - ४०० अन्नकयफलुवभोगे १८७ __आइज्जमणाइज्जं. २४ इय अविसेसा तसपाण १२१ अन्नाणकारणं जह १४१ आइल्लाणं तिन्हें इय अहिए फलभावे. अन्नुन्नाणुगमाओ १९० आउस्स उवक्कमणं इय एवं पुन्वावर १६३ अन्ने अकालमरणस्स- १९२ आउं च एत्व कम्म इय तस्स तयं कम्मं २१६ अन्ने अभिग्गहा खलु ३७६ . आऊ य नाम गोयं श्य परिणामा बंधे . २२९ अन्ने आगंतुगदोस- १६४ आगम मुक्खाउ ण कि इयमित्तरा निवित्ती ३९९ अन्ने उ दुहियसत्ता आयवउज्जोवविहाय २२ ।। इयरस्स किं न करइ १५३ अन्ने भणंति कम्म आयाणुग्गहबुद्धी ३२६ इह अप्परिवडियगुणाणु- ३८९ अन्ने वि य अइयारा आरंभाणुमईओ २९४ इहपरलोगासंसप्पओग ३८५ अपइट्ठाणमि वि सं- १३८ आवडियाकरणंपि हु इह लोगम्मि वि दिट्ठो ९१ अप्पडिदुप्पडिलोहिय- ३२३ आसवनिरोहसंवर ८१ इंगालीवणसाडी- इगालावणता २८७ अरहते वंदित्ता आह कहं पुण मणसा: ३३६ अवहे वि नो पमाणं २३९ आह गुरू पूयाए. [उ] अविराहियसामन्नस्स , ३०० माह सुहे परिणामे . ९७ उक्कोसेण अणुतर ३०१ अविहीए होइच्चिय . ११५ . आहारपोसहो खलु ३२१ . उचियं मुत्तूण कलं ३६९ १३३ २०९ ३०
SR No.022026
Book TitleSavay Pannatti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaribhadrasuri, Balchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy