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________________ 235/श्री दान-प्रदीप दगपाणं पुप्फफलं अणेसणिज्जं गिहत्थकिच्चाई। अजया पडिसेवंती जइवेसविडंबगा नवरं ।। भावार्थ:-असंयमी अनैषणीय जलपान, पुष्पफल और दूसरे गृहस्थों के कृत्यों का सेवन करते हैं, उन्हें यतिवेष का विडम्बक मानना चाहिए।। -- इस कारण से यतियों को प्रासुक पानी ग्रहण करना ही योग्य है। वह प्रासुक जल आरनाल आदि नौ प्रकार का है। ऐसा गणधरों ने कहा है। इस विषय में कल्पादिक में कहा है कि : उस्सेइम1 संसेइम3 चाउलदगं तिल4 तुस5 जवाणं । आयामं 7 सोवीरं 8 सुद्धविअडं 9 जलं नवहा।। भावार्थ :-1. चूर्ण का प्रक्षालन जल उत्स्वेदिम कहलाता है। 2. पात्रादि को उकाला हो और उसके बाद उन पात्रों को शीतल जल से धोया हो, वह जल संस्वेदिम कहलाता है। 3. चावलों का धोया हुआ पानी चावलोदक कहलाता है। 4. तिल का धोवन, 5. तुष-व्रीहि का धोवन, 6. यव का धोवन, 7. धान्य का ओसावण, 8. सौवीर-कांजिक जल-छाछ के ऊपर की आछ और 9. शुद्ध विकट (तीन बार उबाला हुआ) उष्ण जल अथवा वर्ण, गंध, रस के द्वारा परिवर्तित होकर शुद्ध-अचित्त-निर्जीव हुआ जल। ये नौ प्रकार के जल बतलाये गये हैं। (इसके अलावा भी अन्य द्राक्षादि बारह प्रकार का प्रासुक जल भी कहा गया है।) (वर्तमान में गरम जल ही लेने कि परंपरा है।) इन नौ प्रकार के जल में से कोई भी प्रकार का जल श्रुतज्ञानी ग्रहण करते हैं, क्योंकि जिनेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन किया जाय, तो वह दुरन्त दुर्गति को देनेवाला बनता है। आगमों में जो अन्य स्थान पर भिन्न वर्ण को प्राप्त जल प्रासुक बताया है, वह इन नौ प्रकार के जल के प्राप्त न होने पर अपवाद मार्ग में कहा गया है, पर मुख्य रूप में नहीं। इस विषय में प्रवचन सार उद्धार में कहा गया है कि : गिण्हिज्ज आरनालं अंबिलधावण तिदंडउक्कलिअं। वन्नंतराइपत्तं फासुअसलिलं च तयाभावे ।। भावार्थ :-आरनाल व आंबिल का धोवन तथा तीन बार उकाले हुए पानी का अलाभ होने पर वर्ण, गंध, रस के द्वारा परिणमित प्रासुक (शुद्ध/निर्जीव) जल साधु को लेना कल्पता उत्सर्ग मार्ग में भिन्न वर्ण को प्राप्त जल यति के द्वारा ग्रहण किया जाना योग्य नहीं है, क्योंकि वैसा जल लेने से उनकी प्रवृत्ति बढ़ती जायगी और उन्हें अनवस्था आदि दोष भी
SR No.022019
Book TitleDanpradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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