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________________ क्तिना वीजा कोठाना अंके गुणवो, अने हेठेनी पंक्तिना बीजा कोठाना अंके भागवा, जे आव ते मध्यनी पंक्तिना बीजा कोठामा मुकवो। पछी ते संख्याने उपरना त्रीजा कोठाना अंके गुगी नीचेना त्रीना कोठाना अंके भागवो, जे आवे ते मध्य पंक्तिना बीजा कोठामां मुकवो, पछी ते संख्याने उपरना त्रीजा कोठाना अंके गुगी नोचना त्रीजा कोठाना अंके भागवो, जे आवे ते मध्यपक्तिना त्रीजा कोठामां भरवो, एम सर्व कोठा मध्य पंक्तिना उपरना कोठाना अंके गुणी हेठेनी पंक्तिना कोठाना अंके भागीने भरवा, पछी मध्यनी पंक्तिना छेल्ला कोठानो अंक, ते पहेला पदना पहेला अंक उपर मुकबो, पछी तेना पूर्वला कोठानो अंक पदना बीजा अंक उपर मुकवो । एम मध्यनी पंक्तिना पहेला कोठानो अंक ते पहेला पदना छेल्ला अंक उपर मुकयो । पछी तेनो सरवालो करी एक भेलवीए तो ते संयोगीना सर्व पदनी संख्या नीकले । पछी जे पद पुछयु होय ते ध्यानमा राखी पहेला पदना पहेला अंक उपरनी जे संख्या होय ते पहेला पदना छल्ला अंकमां भेलवतां जे रूप थाय ते पहेला पदना छेल्ला अंक उपर रहेली संख्यामां एक भेलवतां जे थाय तेटलामुं रूप जाणवू । एम ते पहेला पदना छेल्ला अंक उपरनो अंक, तेना आगला अंकमां भेलवतां ज रुप थाय ते मध्य पंक्तिना ते ते कोठाना अंक भेला करी एक भेलवतां जे आवे तेटलामु रूप समजवू । एम सर्वत्र जाणवू । जेम सात ठामना चउक संयोगीनां ३५ पद थाय, तेमा २३ मुं पद केq छे ? एम कोई पूछे तो चउक संयोगीनु पहेलं पद लखवू '१२३४' आमां ७ ठामनां पद छे माटे सातमांथी पहेला पदनो छेल्लो अंक चार छे ते वाद करतां ३ रह्या । ते यंत्रना मध्यपंक्तिना पहेला कोठामां मुक्यो छे
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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