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________________ .२०१११११ ०१११११२ ०११११२१ २१११०११ १११०११२ १११०१२१ १९१०२११ ११२०११२ १२१०१११ २११०१११ ११०१११२ ११०११२१ ११०१२११ ०११२१११ ०१२११११ ०२१११११ असयोगीना ७ द्विकसंयोगीना १२६ त्रिकसंयोगीना ५२५ चउकसंयोगीना७०० पंचसंयोगीना ३१५ छसंयोगीना ४२ सातसंयोगीनो १ एवं. ४२ १२०११११ २१०११११ सात संयोगीनो भांगो १. एवं सर्व मली १७१६ भांगा थया। १०१११२१ १०२१२११ १०१२११९ २०२११११ एवं.१ भांगाना प्रस्तारनुं तात्पर्य. पद अने विकल्पना जोडाणथी भांगा बने छे, दाखला तरीके सात जीव सात ठामे जाय तेना त्रिक संयोगीनो सत्तरमो भांगो '१३०३००० ' आ छ, आमां १-३-३ ए विकल्पनुं रूप छे, ते भांगामा पहेले बीजे अने चौथे स्थाने लखायेल छे, माटे १-२-४ ए पदनुं रूप थयु, एटले त्रिक संयोगीना ' १३३' ए चोथा विकल्पथी अने १२४ ' ए त्रिक संयोगीना बीजा पदथी उपरनो भांगो बन्यो। त्रीजुं पांचमुं छठं अने सातमु ए शून्य स्थान छे; उक्त भांगामां पहेले स्थाने १ छे, ने सात जीवमांनो एक जीव पहेले स्थाने (पहेली
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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