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________________ चोथा प्रकरणमा स्थान अने जीवना जोडाणथी जेटला जेटला प्रस्तार थाय ते भांगाना प्रस्तार दर्शाव्या छे. शीखनारना मगजमां तेनुं स्वरूप बराबर ठसी जाय तेटला माटे उदाहरण तरीके एकथी मांडी सात जीव अने सात स्थान सुधीना भांगाना प्रस्तार दर्शाव्या छे. ते प्रस्तारमा आंकडा अने शन्य आवे छे तेनुं शुं तात्पर्य छे ते पण प्रकरणने अंते जणाववामां आवेल छे. पांचमा प्रकरणमां पद विकल्प अने भांगाना प्रस्तारनो नष्ट विधि दशौवेल छे. नष्ट एटले प्रस्तारमांनु कोइ पण नष्ट थइ गयु होय, खोवाइ गयु होय के कोइ तरफथी पुछवामां आवे के अमुक नंबरनुं रूप केवु थाय ते रूप बधा प्रस्तार लख्या विना शोधी काढवानी रीतने नष्ट कहेवामां आवे छे, पद अने भांगाना नष्ट एकेक रीले अने विकल्पना नष्ट बे रीते शोधी शकाय छे तेथी विकल्पना नष्टनी बने रीतो नियम अने विस्तृत उदाहरण सहित जणाववामां आवेल छे.. छठा प्रकरणमा उक्त त्रणे प्रकारना प्रस्तारना उद्दिष्टन स्वरूप छ, उद्दिष्ट एटले प्रस्तारनुं गमे ते रूप लखावी ते रूप कया नंबरन छे एम कोइ तरफथी पुछवामां आवे तो ते रूपनी संख्या शोधी काढवानी रीतने उद्दिष्ट कहेवामां आवे छे. सातमा प्रकरणमां पद विकल्प अने भांगानो मेरुविधि बताव्यो छ. मेरुथी असंयोगी विकसंयोगी आदिनी संख्या अने सर्व संख्या नीकले छे तेमज आधंक अने अंत्य अंक एकडा बगडा आदिना प्रस्तारमा केटलां केटलां रूप छे ते पण मेल्थी जणाय छे. आ यंत्रनो आकार मेरु पर्वत जेवो थाय छे माटे तेन नाम मेरु पाडवामां आव्यु छे. आठमा प्रकरणमां पताकाविधि जणावेल छ, पद अने भांगानी पताका कदाच थइ शकती हशे पण ते जाणवामां न होवाथी मात्र विकल्पनीज पताका दर्शायी छे. पताकाथी विकल्पना ते ते संयोगीना स्थाननो निर्देश थाय छे अने तेनो
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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