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________________ प्रकरण ४ थु=भांगाना प्रस्तार भांगाना प्रस्तार लखवामां प्रथम जेटला जीव जेटले ठामे जाय तेना असंयोगादिक पद अने विकल्प ध्यानमा राखवा, पछी जे संयोगीना भांगा लखवा होय ते संयोमीना पहेला पदमां जे अंक होय ते अंकने स्थाने क्रमथी विकल्पना अंक मुकवा अने जे खाली रहे त्यां शून्य मुकवी, पछी वीजा पदना अंकने स्थाने पहेला विकल्पना ज अंक मुकवा अने खाली स्थाने शून्य मुकवी। एम ज्यां समश्रेणी एटले सात ठामे जाय तेना भांगा होय तो पदमां सातनो अंक ज्यां आवे त्यां सुधी एकज पहेलो विकल्प आवे अने श्रेणी पूरी थाय त्यारे बीजो विकल्प लेवो। पछी बीजो विकल्प पण पहेली श्रेणीना पदने स्थाने मुकवो, एम ते संयोगीना तमाम विकल्प पहेली श्रेणी साथे जोडवा. विकल्प पूरा थया पछी बीजी श्रेणीनां पद लइ तेने स्थाने पाछा पहेला विकल्पना अंक मुकवा. एम बधा विकल्पो बीजी श्रेणी साथे जोडवा. एम बधा भांगाना प्रस्तार लखवा. जेम सात जीव सात ठामे जाय तेना त्रिक संयोगिना भांगाना प्रस्तार लखवा होय तो त्रिक संयोगानुं पहेलु पद '१२३ अने त्रिक संयोगानो पहेलो विकल्प '११५' ते पहेला पदनो पहेलो आंकडो एक छे माटे पहेले स्थाने विकल्पनो पहेलो अंक एकडो मुकवा अने बीजे स्थाने पण विकल्पनो बीजो अंक एकडो मुकवो, पछी पदनो त्रीजो अंक त्रण छ माटे त्रीजे स्थाने विकल्पनो त्रीजो अंक पांचडो मुकवो अने उपरनां चार स्थान खाली रह्यां त्यां मिंडां मुकवा. एटले ११५०००० आबु रूप थयु. पछी बीजं पद १२४' अने विकल्प तो समश्रेणी
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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