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________________ भांगाना संवेधयंत्रनुं तात्पर्य. ... प्रथम यंत्रनी मध्य पंक्तिना पहेला कोठामा ७ नो अंक छे, ते एक जीव सात ठामे जाय तेना भांगानी संख्या दर्शावे छे । बीजा कोठामा २८ नो अंक छे, ते बे जीव सात ठामे जाय तेना भांगानी संख्या दर्शावे छ । छटा कोठामा ९२४ नो अंक छे ते छ जीव सात ठामे जाय तेना भांगानी संख्या दर्शावे छे. एम सर्वत्र स. मजी लेवू । भांगानी संख्या जाणवानी त्रीजी रीत, भांगामां जेटला ठाम होय तेनो आदि अने अन्त्य अंक मुकी बीजा अंक क्रमसर एक पंक्तिमां लखवा, जेमके सात ठाम होय तो एक अने सात ए वे अंक सिवाय बाकीना क्रमसर लखवा. पछी भांगामां जेटला जीव होय तेमां एक उमेरीने च्हडता अंक क्रमसर बीजी पंक्तिमा लखवा । तेमां ठामना अंक होय तेनाथी एक अंक वधारे लखवो । पछी ते बन्नेनुं परस्पर अपवर्तन करी लघुतम अंक काढवा. जेनुं जेनु अपवर्त्तन थयुं होय तेना उपर '।' आq एक चिह्न करवू । पछी जीवना अंकमां जे अपवर्तन सिवाय रह्या होय तेनो तथा लघुतम अंकनो परस्पर गुणाकार करवो अने ठामना अंकमां जे अपवर्तन सिवायना अंक रह्या होय तेनो परस्पर गुणाकार करी तेनाथी प्रथम आवेल संख्याने भागवी, भागतां जे संख्या आवे ते तेटला जीव तेटले ठामे जाय तेना भांगानी संख्या समजवी. जेमकेसात जीव सात ठामे जाय तेना भांगानी संख्या जाणवाने नीचे प्रमाणे अपवर्त्तन यंत्र बनाववो
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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