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________________ २४२ - - - --- - -१ -- - cw- m १ ६५३२१४७ आ रूप ३६० मो प्रस्तार छ । एवी रीते कोई पण नंबरनो अनुपूर्वीनो प्रस्तार पुछवामां आवे तो उपर प्रमाणे नष्ट विधिथी ते नंबरनो प्रस्तार शोधी काढवो । प्रकरण ४ थु-अनुपूर्वीना प्रस्तारना उद्दिष्ट । पुछेल प्रस्तार उपर संवेधयंत्र प्रमाणे आंकडा मुकी जवा. पछी प्रस्तारना अंक पच्छानुपूर्वीए तपासवा. जे जे अंकथी आगल आगल जेटला मोटा अंक होय ते ते अंक उपरना अंकने तेटला गुणा करी तेनी नीचे मुकवा. पछी नीचेनी पंक्तिनो एकदर सरवालो करी तेमां एक उमेरीए तो पुछेल प्रस्तारनो नंबर नीकले। उदाहरण ६५ ३ २ १ ४ ७ आ। प्रस्तार केटलामो छ ? एम कोई पुछे तो संवेधयंत्र प्रमाणे तेना उपर आंकडा मुकवा । जेमके ० १ २ ६ २४ १२० ७२०
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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