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________________ विकल्प लखवानो आम्नायसात जीवना द्विकसंयोगीना छ विकल्प थाय, तेमां द्विकसंयोगी छे माटे बे अंकज आवे, तेमां पहेला विकल्पमा प्रथम एकडो लखवो, पछी सात जीव छे तेमांथी एक लखाइ गयो बाकी छ रह्या ते मुकवा एटले '१६ आई रूप थयुं, पछी अन्त्यना अंकमांथी एक काढी आगलामां भेलववो, जेम छमांथी एक काढी आगलनो एक अंक छे तेमां भेलवतां २५ थया. एम उपरमांथी एक एक काढी आगलामां भेलवतां छेल्लं रूप ६१' ए प्रकारचें थयुं । हवे त्रिकसंयोगीना विकल्प १५ थाय छे, तेमां त्रण अंकज आवे, प्रथम वे एकडा मुकवा, पछी सातमांथी वे काढतां पांच रह्या ते त्रीजे स्थाने मुकवा एटले '११५' आई रूप थयुं, पछी अन्त्यमांथी एक काढी पूर्वलामां नांखतां १२४ एवं रूप थयुं, पछी बीजामांथी एक काही तेना आगलामां नांखतां '२१४' एवं रूप थयुं । पछी पहेलामां एक वधारतां बे थया । तेथी आगल बीजो अंक नथी माटे तेमांथी एक काढवो अने अन्त्यनो चारनो अंक छ तेमांथी एक काढवो अने वचेनो १ भेलववो एटले त्रण थया ते वचमां मुकवो तेथी '१३३' आईं रूप थयु, पछी वचला खानामां त्रणनो अंक छे तेमाथी एक काढी आगला खानामां भेलवतां '२२३' आयु रूप थयु. वली पण बीजा खानामांथी एक काढी पहेला खानामां नांखतां '३१३' आq रूप थयु, पछी पहेला खानामां ३ नो अंक छे तेमां एक राखयो बाकी बे वधे ते अने एक छेल्ला खानामांथी लेवो अने एक वधारानो एटले चार थया, ते बीजा खानामां मुकतां '१४२' आq रूप थयु. एम उपलामाथी घटाडतां जवु अन तेना आगलना खानामां नांखतां जवं अने पहेलामां वधारे थाय त्यारे तेमां एक अंक राखवो ने बाकीना काढवा, अने एक छेल्लामांथी काढवो ने
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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