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________________ २१.३. आठ संयोगीना. १६६६६६६६-२७९९३६ ६६६६६६६६–१६७९६१६ १११११११६-६ ११११११६६-३६ १६७९६१६ १११११६६६-२१६ ११११६६६६-१२९६ . सर्व मली ५७६४८०० १११६६६६६-७७७६ ११६६६६६६-४६६५६ सिद्धभांगाना प्रस्तार लखवानी बीजी रीत। __ पहेली रीतमा जेम प्रकृत संयोगना बधा विकल्प पहेला पदनी साथे पछी बधा विकल्प बीजा पदनी साथे एम यावत् छेल्ला पद साथे योज्या छे, तेम आ रीतिमां विकल्पोर्नु परावतन करतां मात्र एक विकल्प लई प्रकृतसंयोगनां बधां पद साथे योजी पछी बीजो विकल्प लई बधां पद साथे योजवो। दाखला तरीके-आठ व्रतना द्विक संयोगी १००८ भांगा लखवा छ. षट्भंगीना द्विकसंयोगे ३६ विकल्प, अने आठ व्रतनां द्विक संयोगे २८ पद थाय छे. तेमां प्रथम पहेलो विकल्प २८ पद साथे योजी पछी बीजो विकल्प लेवो ते पण २८ पद साथे योजवो । एम अनुक्रमे छेल्लो छत्रीशमो विकल्प २८ पद साथे योजवो. एटले १००८ भांगा तैयार थई जशे । भांगानी संख्या बन्ने रीतिमां सरखीज छे, फेर एटलो के पहेली रीतमां विकल्पोनो गुंफ साथे रहे छे अने पद छुटां पडी जाय छे. त्यारे वीजी रीतमां पदनो गुंफ साथे रही विकल्पो छुटा पडी जाय छे । उदाहरण तरीके. बीजी रीत प्रमाणे सिद्ध भांगाना थोडा प्रस्तार नीचे प्रमाणे
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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