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________________ सात संयोगी. २८ १६७ २३४५६८ २३४५७८ २३४६७८ १२३४५६७ २३५६७८ १२३४५६८ २४५६७८ १२३४५७८ आठ संयोगी. ३४५६७८ १२३४६७८ १२३५६७८ १२४५६७८ १३४५६७८ २३४५६७८ ८ १२३४५६७८ सर्व मली २५५ पवी रोते बारे व्रतनां पद काढवा १ पदना प्रस्तारना आंकडानुं प्रयोजन व्रतना नंबर अने संयोग दर्शाववानुं छे । जेमके सात व्रतना त्रिक संयोगीनुं तेरमुं पद १५६ छे, आमां त्रिकसंयोगी एटले सातमांथी गमे ते त्रण व्रत आदरवानां छे. तेमां एकडो पांचडो अने छगडो पहेला पांचमा अने छट्टा व्रतनो संयोग दर्शावे छे। सात व्रतना चौक संयोगीनुं एकवीश पद २३४५ छे, ते वीजा त्रीजा चोथा अने पांचमा ए चार व्रतनो संयोग दर्शावे छे. एम पदना पस्तारना आंकडानुं रहस्य समजी लें । प्रकरण ३ जुं-शूचिका. विकल्प अने पदने परस्पर योजवाथी जे भांगा थाय ते सिद्ध भांगा कहेवाय छे. एकथी बारव्रत सुधीमांना गमे ते व्रतना गमे ते संयोगना सिद्ध भांगानी खंडसंख्या के एकंदर संख्या जाणवी होय तो देवकुलिकानी जरुर पडे छे । षट्संगी नवभंगी आदि पांच प्रकारनी देवकुळिकामांथी जे भंगीना सिद्ध भांगा
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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