SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ । निवेदन। पाठक महाशयों से निवेदन है कि यद्यपि मेरे आत्म बन्धु पूज्य श्रीमान् कस्तूर विजयजी महाराजने प्रस्तावना के आन्त में आप लोगोंको इस विषयमें सूचना की है, तथापि मैं पुनः इसके । लिए आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस ग्रन्थमें यदि कहीं पर आप लोगोंको भाषा या लिखने वा शोधनक्रिया संबन्धी मिस्टिक मालूम हो तो आप मुझे सूचित करें ताकि द्वितीयावृत्तिमें सुधारो हो सके । इस ग्रन्थकी लेखन तथा शोधन क्रिया मेरे ही हाथसे हुई है, अतएव आपसे यह निवेदन किया जाता है । इस ग्रन्थका अनुवाद मैंने जामनगर निवासी सुश्रावक जेठालाल त्रिकमलालकी प्रेर्णासे किया है अतः कृतकार्य होकर मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ। मुनि तिलकविजय पं.
SR No.022003
Book TitleGunsthan Kramaroh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilakvijaymuni
PublisherAatmtilak Granth Society
Publication Year1919
Total Pages222
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy