SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 62
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Arachana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sh Kailashsagarsur Gyanmandir नईओ पंचणयं, सत्त गया सत्तगयं, नव तुरंगा नवतुरंगं, दस गामा दसगाम, दस पुराणि दसपुरं, से तं दिगुसमासे से किं तं तपुरिसे?, २ तित्थे कागो तित्थकागो, वणे हत्थी वणहत्थी, वणे वराहो वणवराहो, वणे महिसो वणमहिसो, वणे मयूरो वणमयूरो, से तं तप्पुरिसे, से किं तं अव्वईभावे?, २ अणुगामं अणुणइयं अणुफरिहं अणुचरियं, से तं अव्वईभावे समासे, से किं तं एगसेसे?, २ जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो, जहा एगो करिसावणो तहा बहवे रिसावणा जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो, जहा एगो साली तहा बहवे साली जहा बहवे साली तहा एगो साली, से तं एगसेसे समासे, से तं सामासिए से किं तं तद्धितए?, २ अविहे पं० २०-कम्मे सिप्प सिलोए संजोग समीक्ओ य संजूहो। इस्सरिय अवच्चेण य तद्धितणामं तु अट्ठविहं ॥९२॥ से किं तं कभणाम?, २ तणहारए कट्ठहारए पत्तहारए दोसिए सोत्तिए प्यासिए भंडवेआलिए कोलालिए, से तं कम्मनामे, से किं तं सिप्पनामे?, २ तुण्णए तंतुवाए पट्टकारे उएटे बरुडे मुंजकारे कट्ठ० छत्त० वज्झ पोत्थ० चित्त० दंत० लेप्प० सेल० कोट्टिभकारे, से तं सिप्पनामे, से किं तं सिलोअनामे?, २ समणे माहणे सव्वातिही, |से तं सिलोअनामे, से किं तं संजोगनामे?, २ रण्णो ससुरए रणो जामाउए रण्णो साले रणो भाउए रण्णो भगिणीवई, से|| तं संजोगनामे, से किं तं सभीवनामे?, २ गिरिसमीवेणय गिरिणयरं विदिसासभीवेणयरं विदिसंनयर बेनाए समीवे णयरं बेत्रायड तगराए समीवेणय तगरायड, सेतं समीवनामे, से किं तं संजूहनाम?, २ तरङ्गवइकारे मलयवइक्कारे अत्ताणुसद्विकारे बिंदुकारे, श्री अनुयोगद्वारसूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधिता For Private And Personal
SR No.021047
Book TitleAgam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages123
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy