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________________ Shri Mahave Jain Aradhana Kendra www.kobarth.org Acharya Sher Kalashsagarsun Gyarmandir खयनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से खइअंसम्मत्तं, एसणं से नामे उदइए खयनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइए खओवसमनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्सेखओवसमिआइं इंदिआई,एसणं से णामे उदइएखओवसमनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइएपरिणामिअनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे उवसमिएखयनिष्फण्णे?, उवसंता कसाया खइअंसम्मत्तं, एस णं से णामे उवसमिएखयनिष्फण्णे, कयरे से णामे उवसमिएखओवसभनिएफण्णे?, उवसंता कसाया पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे खइएखओवसमनिष्फण्णे?, खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाई, एसणं से णामे खइएखओवसमनिष्फण्णे, कयरे से णामे खइएपारिणामिअनिष्फण्णे?, खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एसणंसे णामे खइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे खओक्समिएपारिणामिअनिष्फण्णे?,खओवसमियाई इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे१०, तत्थ णं जे ते दस तिगसंजोगा ते णं इमे अस्थिणामे उदइएउवसमिएखयनिष्फण्णे अस्थिणामे उदइएउवसमिएखओवसम० अस्थिणामे उदइएउवसमिएपारिणामिअ० अस्थि णामे उदइएखइएखओवसम० अस्थि णामे उदइएखइएपारिणामिअ० अत्यि णामे उदइएखओवसमिएपारिणामिअ० अत्यि णामे उवसमिएखइएखओवसम० अस्थि णामे उवसमिएखइएपारिणामि० अस्थि णामे उवसमिएखओवसमिएपारिणामिअ० अत्यि णामे खइएखओवसभिएपारिणामिअनिप्पणे १०, कयरे से णामे उइएउवसमिएखयनिष्फणे?, उदइएत्ति माणुस्से उक्संता कसाया ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र। | ४० पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021047
Book TitleAgam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages123
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size11 MB
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