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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ||सयंबुद्धखीणकसायवीयरायचरित्तारिया, से किं तं बुद्धबोहियच्छउम्त्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० २०-|| पढमसमयबुद्धबोहिय० य अपढमसमयबुद्धबोहिय० य, अहवा चरिमसमयबुद्धबोहिय० य अचरिमसमयबुद्धबोहिय० य, सेत्तं बुद्धबोहिय०, सेत्तं छउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया, से किं तं केवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ?, २ दुविहा पं० तं०-सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अजोगिकेवलि० य, से किं तं सजोगिकेवली० ?, २ दुविहा पं० २०पढमसमयसजोगिकेवलि० य अपढमसमयसजोगिकेवलि० य, अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलि० य अचरिमसमयसजोगिकेवलि० य, सेत्तं सजोगिकेवलि०, से किं तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया? २ दुविहा पं० त०-पढमसमयअजोगिके० य अपढमसमयअजोगि० य, अहवा चरिमसमयअजोगि० २ अचरिमसमयअजोगि० य, सेत्तं अजोगिकेवलिखीण० सेत्तं केवलिखीणकसाय०, सेत्तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया, सेत्तं वीयरायचरित्तारिया, अहवा चरित्तारिया पंचविह। पं० २०सामाइयचरित्तारिया छेदोवठ्ठावणीयचरित्नारिया परिहारविसुद्धिचरितारिया सुहुमसंपरायचरित्तारिया अहक्खायचरित्तारिया य, से किं तंसामाइयचरित्तारिया?,२ दुविहा पं० २०-इत्तरियसामाइयचरित्तारियायआवकहियसामाइयचरित्तारियाय,सेत्तंसामाइयचरित्तारिया, से किं तं छेदोवठ्ठावणीयचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० २०-साइयारच्छेदोवट्ठावणीयचरित्तारिया य निरइयारच्छेदोवडावणीयचरित्तारिया य, सेत्तं छेदोवढावणीयचरित्तारिया, से किं तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० २०-निव्विस्समाणपरिहार० य ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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