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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समयं पारियावणियाते पुढे पाणातिवातकिरियाते पुढे?, गो०! अत्थेगतिते जीवे एगतियाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अधिगरणियाए पादोसियाते पुढे तंसमयं पारितावणियाए पुढे पाणाइवायकिरिया। पुढे अत्थेगतिते जीवे एगतियाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अधिगरणियाए पादोसियाते पुढे तंसमयं पारितावणियाए पुढे पाणाइवायकिरियाए अपुढे अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए पुढे तंसमयं पारि० किरि० अपुढे० पाणाइवायकि० अपुढे १२८४। कति णं भंते! किरियाओ पं०?, गो०! पंच किरियाओ पं० तं० आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, आरंभिया णं भंते! किरिया कस्स कजति?, गो०! अण्णयरस्सवि पमत्तसंजयस्स, परिग्गहिया णं भंते! किरिया कस्स कज्जइ?, गो० अण्णयरस्सवि संजयासंजयस्स, मायावत्तिया णं भंते! किरिया कस्स जति?, गो० अण्णयरस्सावि अपमत्तसंजयस्स, अप्पच्चक्खाणकिरिया णं भंते! कस्स कजति?, गो०! अण्णयरस्सवि अपच्चक्खाणिस्स, मिच्छादसणवत्तिया णं भंते! किरिया कस्स कजति?, गो०! अण्णयरस्सावि मिच्छादंसणिस्स, नेरइयाणं भंते! कति किरियातो पं०?. गो०! पंच किरियातो पं० २०- आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया किरिया क० तस्स परिग्गहिया कि० जति जस्स परिग्गहिया कि० तस्स आरंभिया कि०?, गोणं जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० तस्स परिग्गहिया सिय कज्जति सिय नो कजति जस्स पुण परिग्गहिया किरिया क० तस्स आरंभिया कि.णियमा क०, जस्सणं भंते! जीवस्स आरंभिया तस्स मायावत्तिया क० पुच्छा, ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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