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य, से किं तं एगट्ठिया ?, २ अणेगविहा पं० २०-णिबंबजंबुकोसंबसालअंकुल्ल पीलु सेलु यो सल्लइ मोयइ मालुय बउल पलासे | करंजे य ॥१५॥ पुत्तंजीवयऽरितु विहेलए हरिडए य भिल्लाए। उंबेभरिया खीरिणि बोद्धव्वे घायइ पियाले ॥१६॥ पूइय निंब करजे | सुण्हा तह सीसवा य असणे यो पुनाग नागरुक्खे सोवणि तहा असोगे य ॥१७॥ जे यावष्णे तहप्पगारा, एएसिंणं मूलावि असंखेजजीविया कंदाक्खिंधावि तयावि सालावि पवालावि, पत्ता पत्तेयजीविया, पुष्फा अणेगजीविया फला एगठिया, सेत्तं एगट्ठिया, से किं तं बहुबीयगा ?, २ अणेगविहा पं० २० - अस्थिय तेंदु कविढे अंबाडा माउलिंग बिल्ले यो आमलग फणिस दालिम आसोढे उंबर वडे य ॥१८॥णग्गोह णंदिरुक्खे पिपरि सयरी पिलक्खुरुक्खे यो काउंबरि कुत्थंभरि बोद्धव्या देवदाली य ॥१९॥ तिलए लउए छत्तोह सिरीस सत्तवन दहिवने। लोद्धद्धव चंदणऽज्जुण णीमे कुडए कयंबे या ॥२०॥जे यावन्ने तहप्पगारा, एतेसिं णं मूलावि असंखेजजीविया कंदावि खंधावि सालावि, पत्ता पत्तेयंजीविया पुष्फा अणेगजीविया फला बहुबीयगा, सेत्तं बहुबीयगा, सेत्तं रुक्खा , से किं तं गुच्छ। ?, २ अणेगविहा पं० २० - वाइंगणि सल्लइ थुण्डई य तह कत्थुरी य जीभुमणा। रूवी आढइ णीली तुलसी तह माउलिंगीय ॥२१॥कच्छंभरि पिप्पलिया अतसी बिल्लीय काइमाईया। वुच्चू (प्र० च्चा) पडोलकंदे विउव्वा (प्र० चुण्ण) वत्थलंदरे ॥२२॥ पत्तउर सीयउरए हवंति तहा जवसए य बोद्धव्वे। णिग्गू मिअकं तबरि अत्थई चेव तलउ दाड। ॥२३॥ सण पाण कास मुद्दा अग्घाडग साम सिंदुवारे यो करमद अद्दडूसग करीर एरावण महित्य ॥२४॥ जाउलग ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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