SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 178
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ||चक्खिदिते ओगाहणट्ठयाते सोतिदिए ओगाह० संखेज घाणिदिए ओगाह० संखेज् जिल्भिदिए ओगाह० असंखेन फासिदिए | ओगाह० संखेज०! पदेसट्टयाते सव्वत्थोवे चक्खिदिए पदेस० सोनिदिए पएस० संखेज० घाणिदिए पएस० संखि० जिभिदिए पएस० असंखे० फासिदिए पएसट्ठयाए संखे०, ओगाहणपदेसट्टयाए सव्वत्थोवे चक्खिदिए ओगाहणट्टयाए सोतिदिए ओगाहण० असंखे० धाणिदिए ओगाहणयाए संखिज० जिभिदिए ओगा० असंखेज० फासिदिए ओगा० संखिज० फासिंदियस्स ओगाहणद्वयाहिंतो चक्खिदिए पएसट्ठयाए अणंतगुणे सोतिंदिए पएस० संखेज घाणिदिए पएस० संखिज० जिभिदिए पएस० असंखेज० फासिदिए पदेस० संखेज०, सोतिंदियस्स णं भंते! केवइया कक्खडगुरुयगुणा पं०? गो०! अणंता, एवं जाव फासिंदियस्स, सोतिंदियस्स णं भंते! केवइया मउयलहुयगुणा पं०?, गो०! अणंता, एवं जाव फासिंदियस्स, एतेसिं णं भंते! सोइंदियचक्खिदियघाणिंदियजिभिदियफासिंदियाणं कक्खडगुरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कयरे०?, गो०! सव्वथोवा चक्खिदियस्स कक्खडगु० सोतिंदियस्स कक्खड गु० अणंत० धाणिंदियस्स कक्खड० अणंत० जिभिदियस्स कक्खड० अणंत. फासिंदियस्स कक्खड० अणंतगुणा, मउयलहुयगुणाणं सव्वत्थोवा फासिंदियस्स मउयलहुयगुणा जिभिदियस्स मउयलहु० अणंत० धाणिंदियस्स मउयलहुय० अणंत० सोतिंदियस्स मउयलहुय० अणंत० चक्खिदियस्स मउयलहुय० अणंत०, कक्खडगरुगुणाणं मउयलहुयगुणाण यसव्वत्थोवा चक्खिदियस्स कक्खडगुरुयगुणा सोतिंदियस्स कक्खडगुरु० अणंत० घाणिंदियस्स कक्खडगरु० ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ | १८७ पू. सागरजी म संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy