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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अह भंते! सव्वजीवथ्यबहं महादण्डयं वण्ण (त्त) इस्सामि-सव्वत्थोवा गब्भवतिया भणुस्सा मणुस्सीओ संखि० बायरतेउपजत्तया असंखि० अणुत्तरोववाइया असंखि० उवरिभगेविजगा संखि० मज्झिम० संखि० हिट्टिम० संखि० अच्चुए कप्पे देवा संखि० आरणे संखि० पाणए संखि० १० आणए संखि० अहेसत्तमाए पुढवीए नेइया असंखि०छठीए असंखि० सहस्सारे असंखि० महासुक्के असंखि० पंचभाए नेरइआ असं० लंतए देवा असंखि० च्उत्थीए नेरईआ असंखि० बंभलोए देवा असंखि० तच्चाए नेरइया असंखि० २० माहिंदे देवा असंखि० सणंकुमारे असंखि० दोच्चाए नेरइया असं० संमुच्छिममणुस्सा असंखि० ईसाणे देवा असंखि० ईसाणे देवीओ संखि० सोहम्मे देवा संखि० सोहम्मे देवीओ संखे० भवणवासी देवा संखेज० भवणवासिणीओ संखेज० ३० इभीसे रयणप्यभाए नेरइआ असं० खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा असंखि० खह० जोणिणीओ संखि० थलयरजोणिआ पुरिसा संखि० थ्ल० जोणिणीओ संखि० जलयरपुरिसा संखि० जलयरी संखि० वाणमंतरा देवा संखि० वाणमंतरीओ संखि० जोइसिया संखि० ४० जोइसिणीओ संखि० खहयनपुंसगा संखि० थलयरनपुंसगा संखि० जलयरनपुंसगा संखि० चरिंदिया पजत्त्या संखि० पंचिंदिया ५० विसे० बेइंदिया १० विसे० तेइंदिया १० विसे० पंचिंदिया अप० असंखे० चरिदिया अप० विसे० ५० तेइंदिया अप० विसे० बेइंदिया० अप० विसे० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया ५० असंखि० बायरनिगोया ५० असंखि० बायरपुढवी ५० असंखि० बायरआउ ५० असंखि० बायरवाउ अप० असंखि० बायरतेउ ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
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