________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shes Kailassagarsur Gyanmandir
दिसंतरमणुपत्ताणं से पुवगहिए उदए अणुपुव्वेणं परिभुंजमाणे झीणे, तए णं ते परिव्वायया झीणोदगा समाणा तहाए पारब्भमाणा २ उदगदातारमपस्समाणा अण्णमण्णं सहावेति त्ता एवं व०-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामिआए जाव अडवीए कंचि देसंतरमणुपत्ताणं से उदय जाव झीणेत सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सवओ समंता मग्गणगवेसणं करित्तएत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एअमटुं पडिसुगंति त्ता तीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सओ समंता मग्गणगवेसणं करेन्ति त्ता उदगदातारमलभमाणा दोच्चंपि अण्णमण्णं सद्दावेन्ति त्ता एवं व०-इह णं देवाणुप्पिया! उदगदातारो णत्थितं णो खलु कप्पड़ अम्ह अदिण्णं गिण्हित्तए अदिण्णं सातिज्जित्तए तं मा णं अम्हे इयाणिं आवइ कालंमिवि अदिण्णं गिण्हामो अदिण्णं सादिज्जामो मा णं अहं तवलोवे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया! तिदंडयं कुंडियाओ य कंचणियाओय करोडियाओय भिसियाओ य छण्णालए य अंकुसए य केसरियाओय पवित्तए य गणेत्तियाओ य छत्तए यवाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य एगंते एडित्ता गंगं महाणइं ओगाहित्ता वालुअसंथारए संथरित्ता संलेहणाझूसणाझोसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं कालं अणवसूखमाणाणं विहरित्तएत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एअमटुं पडिसुणंति त्ता तिदंडए य जाव एगंते एडेइ त्ता गंगं महाणइं ओगाहेंति ना वालुआसंथारए संथरंति वालुयासंथारयं दुरुहिंति त्ता पुरत्याभिमुहा संपलियंकनिसन्ना करयलजावकटु एवं व०-णमोऽत्यु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स औपपातिकमुपांग ॥
पू. सागरजी म. संशोधित |
For Private and Personal Use Only