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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir विहरइ, तए णं से देवे सम्परूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव पसाइ त्ता आसुरूत्ते० कामदेवस्स समणोवासयस्स सरसरस्स|| कायं दुरूहइ त्ता पच्छिमभाएणं तिक्खुत्तो गीवं वेढेइ त्ता तिक्खाहिं विसपरिगयाहिं दाढाहिं रंसि चेव निकुट्टेइ, तए णं से कामदेवे समणोवासए तं उजल जाव अहियासेइ । २२।तए णं से देवे सप्परूवे कामदेवं समणोवासयं अभीयं जाव पासइ त्ता जाहे नो संचाएइ कामदेवं समणोवासयं निग्गन्थाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा ताहे सन्ते० सणियं सणियं पच्चोसक्का त्ता पोसहसालाओ पडिणिक्खभइ त्ता दिव्वं सप्यरुवं विष्पजहइ त्ता एगं महं दिव्वं देवरुवं विउव्वइ, हारविराइयवच्छं जाव दस वेमाणं पभासेमाणं पासाईयं दरिसणिजं अभिरूवं पडिरूवं दिव्वं देवरूवं विउव्वइ त्ता कामदेवस्स समणोवासयस्स पोसहसालं अणुप्पविसइ त्ता अन्तलिक्खपडिवन्ने सखिडिणियाई पञ्चवण्णाई वत्थाई पवरपरिहिए कामदेवं सभणोवासयं एवं ३०हंभो कामदेवा! समणोवासया धन्ने सिणं तुभं देवाणुप्पिया! सपुण्णे कयत्थे कयलक्खणे सुलद्धे णं तव देवाणुप्पिया! माणुस्सए| जम्मजीवियफले जस्सणं तव निग्गन्थे पावयणे इमेयारूवा पडिवत्ती लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया, एवं खलु देवाणुप्पिया! सक्के देविंदे देवराया जावसकंसि सीहासणंसि चउरासीईए सामाणियसाहस्सीणं अन्नेसिंच बहूणं देवाण य देवीण य मझगए एवमाइक्खइ०एवं खलु देवाणुप्पिया! जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे चम्पाए नयरीए कामदेवे समणोवासए पोसहसालाए पोसहिए बम्भचारी जाव दब्भसंथारोवगए समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तियं धम्मपण्णत्तिं उवसम्पजित्ताणं विहरइ, नो खलु से सक्को केणई देवेण वा ॥ उपासकदशांगं सूत्र। पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021009
Book TitleAgam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages65
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_upasakdasha
File Size7 MB
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