SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir अहेसत्तमाए, एवं आणयपाणयाणं आरणअच्चुयाण यकप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं आरणच्चुयाणं गेवेजविमाणाण|| अहेसत्तमाए, एवं गेवेजविमाणाणं अणुत्तरविभाणाण य अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तरमाए, एवं अणुत्तरविभाणाणं ईसीपब्भाराए य० पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयव्वो ६७२।आउक्काइए णं भंते! इमीसे रयणप्यभाए सकरप्पभाए य पुढवीए अंतरा समोहए त्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए सेसं जहा पुढवीकाइयस्स जाव से तेण्टेणं एवं पढमदोच्चाणं अंतरा समोहए जावईसीपब्भाराए उववाएयव्यो एवं एएणं कमेणं जावतमाए असत्तमाए य पुढवीए अंतरासमोहए ता जावईसीपब्भाराए उववाएयव्यो आउकाइयत्ताए, आउयाए णं भंते! सोहम्भीसाणाणं सणंकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए त्ता जे भविए इमीसे रयणप्यभाए पुढवीए घणोदधि २ वलएसु आउकाइयत्ताए उववजित्तए सेसं तं चेव, एवं एएहिं चेव अंतरा समोहओ जाव अहेसत्तमाए पुढवीए धणोदधि २ खलएसु आउकाइयत्ताए उववाएयव्वो एवं जावअणुत्तरविमाणाणं ईसिपब्भाराए पुढवीए अंतरासमोहए जाव अहेसत्तमाए धणोदधि २ वलएसु उववाएयव्यो ।६७३। वाउचाइए णं भंते! इभीसे रयणप्पभाए पुढवीए सक्करप्यभाए य पुढवीए अंतरासमोहए त्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउकाइयत्ताए उववजित्तए एवं जहा सत्तरसमसए वाउकाइयउद्देसए तहा इहवि नवरं अंतरेसु समोहणा नेयव्वा सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसीपमाराए य पुढवीए अंतरा समोहए त्ता जे भविए घणवायतणुवाए घणवायतणुवायवलएसु वाउचाइयत्ताए उववजित्तए सेसं तं चेव जाव से तेणटेणं जाव उववजेजा सेवं भंते! रत्ति ।६७४॥श० २०३०६॥(पा०६,७.८)॥ | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ पू. सागरजी म. संशोधित ७३ For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy