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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir ||एगत्तएणं लहएणं पोहत्तएणं सोलस भंगा कायव्वा, देसे कक्खडे देसे म3ए देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे|| लुक्खे ४ एएऽवि सोलस भंगा कायव्वा, देसे कक्खडे देसे म3ए देसा गरुया देसा लहया देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्ध देसे लुक्खे एतेऽवि सोलस भंगा कायव्वा, सव्वेऽवि ते चउसहि भंगा कक्खडम3एहिं एगत्तएहि, ताहे कक्खडेणं एगत्तएणं मउएणं पुहत्तेणं एते चेव चउसष्टुिं भंगा कायव्वा, ताहे कक्खडेणं पुहत्तएणं मउएणं एगत्तएणं चउसद्धिं भंगा कायव्वा, ताहे एतेहिं चेव दोहिवि पुहुत्तेहि चउसट्टि भंगा कायव्वा जाव देसा कक्खडा देसा मउया देसा गाया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा एसो अपच्छिमो भंगो, सव्वेते अट्ठफासे दो छप्पना भंगसया भवंति, एवं एते बादरपरिणए अणंतपएसिए खंधे सव्वेसु संजोएसु बारस छन्त्रउया भंगसया भवंति ।६७० कइविहे भंते! परमाणू पं०?, गोयमा! चविहे परमाणू पं० २०-दव्वपरमाणू खेत्तपरमाणू कालपरमाणू भावपरमाणू, दव्वपरमाणू णं भंते! कइविहे पं०?, गोयमा! चविहे पं० २०-अच्छेज्जे अभेजे अडझे अगेझे, खेत्तपरमाणू णं भंते! कइविहे पं०?, गोयमा! चविहे पं० २०-अणद्धे अमझे अपदेसे अविभाइमे, कालपरमाणू० पुच्छा, गोयमा! चविहे पं० २०अवने अगंधे अरसे अफासे, भावरमाणू णं भंते! कइविहे पं०?, गोयमा! चव्विहे पं० २०-वनमंते गंधमंते रसमंते फासमंते । सेवं भंते! रति जाव विहरति ६७१॥श० २० ३०५॥ पुढविक्काइए णं भंते! इभीसे स्यणप्पभाए पुढवीए सकरप्यभार पुढवीए य अंतरा सभोहए ताजे भविए सोहम्मे कप्पे पुढवीकाइयत्ताए | ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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