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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir समणोवासगा बालपंडिया जस्म णं एगपाणाएऽवि दंडे निक्खित्ते से णं नो एगंतबालेत्ति वत्तव्वं सिया, जीवा णं भंते! किं बाला पंडिया बालपंडिया?, गोयमा! जीवा बालावि पंडियावि बालपंडियावि, नेरइयाणं पुच्छा, गोयमा ! नेरइया बाला नो पंडिया नो बालपंडिया, एवं जाव चरिंदियाणं, पंचिंदियतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया बाला नो पंडिया बालपंडियावि, मणुस्सा जहा जीवा, वाणमंतजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया १५९६। अन्नउस्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति एवं खलु पाणातिवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले वाणस्स अन्ने जीवे अन्ने जीवाया पाणाइवायवेरमणे जाव परिगहवेमणे कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे वट्टमाणस्स अन्ने जीवे अन्ने जीवाया उम्पत्तियाए जाव परिणामियाए वट्टमाणस्स अन्ने जीवे अन्ने जीवाया उम्पत्तियाए उगहे ईहाए अवाए धारणाए वट्टमाणस्स जाव जीवाया उठाणे जाव परक्कमे वट्टमाणस्स जाव जीवाया नेरइयत्ते तिरिक्खमणुस्सदेवत्ते वट्टमाणस्स जाव जीवाया नाणावरणिज्जे जाव अंतराइए वट्टमाणस्स जाव जीवाया, एवं कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए सम्मदिट्ठीए० एवं चक्खुदंसणे० आभिणिबोहियनाणे० मतिअन्नाणे० आहारसनाए० एवं ओरालियसरीरे० एवं मणजोए० सागारोवओगे अणागारोवओगे वट्टमाणस्सअण्णे जीवे अन्ने जीवाया, से कहमेयं भंते! एवं?, गोयमा! जण्णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि एवं खलु पाणातिवाए जाव भिच्छादसणसल्ले वट्टमाणस्स सच्चेव जीवे सच्चेव जीवाया जाव अागारोवओगे वट्टमाणस्स सच्चेव जीवे सच्चेव जीवाया ।५९७। देवे णं भंते! महड्ढीए जाव | ॥श्रीभगवती सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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